मिस्रः हिंद उमर बनी पहली महिला मेट्रो ट्रेन ड्राइवर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 24-08-2022
मिस्रः हिंद उमर बनी पहली महिला मेट्रो ट्रेन ड्राइवर
मिस्रः हिंद उमर बनी पहली महिला मेट्रो ट्रेन ड्राइवर

 

काहिरा.

काहिरा की मेट्रो ट्रेन को अरब जगत की पहली मेट्रो होने का गौरव प्राप्त है, लेकिन 1987 के बाद पहली बार इसमें महिला चालकों की भर्ती की जा रही है. मिस्र की राजधानी काहिरा में 1987 में बनी मेट्रो ट्रेन अरब जगत में पहली मेट्रो सेवा थी, लेकिन 35 साल में पहली बार महिला ट्रेन चालकों की भर्ती की जा रही है. काहिरा मेट्रो ट्रेन अब लगभग 20 मिलियन की आबादी की सेवा करती है. इसलिए प्रबंधन ने पहली बार महिलाओं को ड्राइवर के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया है.

यह एक ऐसे देश में पूरी तरह से नई प्रथा है, जहां केवल कुछ महिलाएं ही पेशेवर नौकरियां करती हैं. पहली दो महिला चालकों के मुताबिक इस साल अप्रैल से ही यात्रियों को ट्रेन चालक के केबिन पर नियंत्रण करते देखकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. उनमें से कुछ की भौंहें चढ़ जाती हैं, जबकि अन्य अस्वीकार कर देते हैं. मिस्र की महिलाओं को 1956 से मतदान करने और चुनाव में खड़े होने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन पितृसत्तात्मक कानूनों और सांस्कृतिक रूप से पुरुष प्रभुत्व ने उनके व्यक्तिगत अधिकारों को सीमित कर दिया है.

काहिरा मेट्रो ट्रेनों में उन महिलाओं के लिए भी विशेष डिब्बे हैं, जो यौन उत्पीड़न से बचने के लिए पुरुषों के साथ यात्रा नहीं करना चाहती हैं. बिजनेस ग्रेजुएट और दो बच्चों की मां हिंद उमर का कहना है कि उन्हें ट्रेन ड्राइवर बनने के लिए आवेदन करने के लिए जल्दबाजी करनी पड़ी, क्योंकि वह एक ऐसे देश में अग्रणी बनना चाहती थीं, जहां 2020 के आंकड़ों के अनुसार, केवल 14.3 प्रतिशत महिलाएं औपचारिक व्यवसायों में हैं.

30 वर्षीय हिंद उमर ने कहा कि उनके हाथों में हर दिन हजारों जिंदगियां हैं. उन्होंने गर्व से काहिरा मेट्रो का चमकीला कोट और सिर पर काला और सफेद दुपट्टा पहन रखा था. हिंद उमर ने स्वीकार किया कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें अपने परिवार का समर्थन मिला. उन्होंने बताया, ‘‘शुरुआत में, मेरे माता-पिता को यह अजीब लगा, लेकिन आखिरकार उन्होंने मेरा समर्थन किया. मेरे पति शुरू से ही उत्साही थे और हमेशा मुझे प्रोत्साहित करते थे. उन्होंने कहा कि मुख्य कारण महिला चालकों को रात की पाली से छूट देना है.’’

हिंद उमर ने कहा कि महिला चालकों के लिए परीक्षा का चरण विशेष रूप से कठिन था, जिसमें उम्मीदवारों को अपना ‘ध्यान अवधि’ और ‘धैर्य’ प्रदर्शित करने के लिए कहा गया था. उनका कहना है कि ड्राइवरों को सप्ताह में छह दिन काम के दौरान कई घंटों तक बेहद सतर्क रहना पड़ता है.

हिंद उमर के साथ ट्रेन ड्राइवर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुनी गई एक और 32 वर्षीय महिला सुजैन मुहम्मद ने उस पल को याद किया, जब यात्रियों ने उसे पहली बार ड्राइवर के केबिन में देखा था.

मैं समझ सकती थी कि एक ऐसे देश में वे आश्चर्यचकित थे, जहां महिलाओं को कई क्षेत्रों में सीमित पहुंच दी जाती है. उन्होंने कहा कि कुछ यात्री डरे हुए थे. उसने मेरी क्षमताओं पर संदेह किया और कहा कि जब एक महिला नियंत्रण कक्ष में थी, तो वह सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं.

1987 में अपनी सेवाएं शुरू करने वाली काहिरा मेट्रो ट्रेन अरब दुनिया की सबसे पुरानी मेट्रो सेवा है, लेकिन महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने में यह अन्य अरब देशों से पिछड़ गई है. 1999 में, मोरक्को की सादिया अब्देल अफ्रीका अरब दुनिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं.

सऊदी अरब में भी, जहां कुछ समय पहले तक महिलाओं के गाड़ी चलाने पर पाबंदी थी, ट्रेन चालकों का पहला समूह प्रशिक्षण की प्रक्रिया में है. काहिरा मेट्रो ट्रेन की योजना तीन और ट्रैक बिछाने और मिस्र की पहली मोनोरेल प्रणाली बनने की है. इसलिए हिंद उमर को उम्मीद है कि उनका उदाहरण ‘अन्य महिलाओं के लिए ट्रेन ड्राइवर बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा’ और ‘यहां हमारे जैसी कई महिलाएं होंगी’.