राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-उज्जैन
शिप्रा शुद्धि के लिए संतों के आंदोलन के बाद अब कांग्रेस नेता नूरी खान ने सत्याग्रह शुरू किया था. वे चार फुट पानी में उतरकर सत्याग्रह कर रही थीं. अचानक वे बहने लगीं. उनके समर्थकों ने उन्हें किसी तरह बहने से बचाया. उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
शिप्रा नदी के शुद्धिकरण की मांग को लेकर संत समाज लंबे समय से आंदोलन कर रहा था. जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया थी, लेकिन स्थिति में सुधार न होते देख संत समाज ने फिर चेतावनी दी है.
फिर कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष नूरी खान ने मुद्दे को लपक लिया और जल सत्याग्रह शुरू किया. गुरुवार को वह चार फीट गहरे पानी में उतर गई और जल सत्याग्रह शुरू कर दिया. नूरी ने कहा था कि अगर आंदोलन के दौरान मेरी मौत हुई तो उज्जैन प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी होगी.
अचानक पानी के बहाव तेज हो गया और नूरी खान के पैर उखड़ गए और वह बहने लगीं. स्थिति देखकर लोगों के हाथ-पैर फूल गए. तभी कुछ कार्यकर्ता उन्हें बचाने के लिए नदी में उतरे और काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें नदी से निकालकर बाहर लाए.
पानी में मुंह में जाने से नूरी खान की हालत बिगड़ चुकी थी. इसलिए उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है.
धोखा दे रही है सरकार
उन्होंने कहा कि यह सरकार क्षिप्रा में डुबकी लगाने वालों के साथ अन्याय और विश्वासघात कर रही है. क्षिप्रा शुद्धिकरण के नाम पर हुए 600 करोड़ के भ्रष्टाचार में कौन शामिल है? खदान डायवर्जन में करोड़ों खर्च हुए, तो शिप्रा में गंदा पानी क्यों मिल रहा है.