आवाज-ए-ख्वातीन ने महिलाओं के लिए आयोजित किया निशुल्क स्वास्थ्य शिविर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 29-12-2021
आवाज-ए-ख्वातीन ने महिलाओं के लिए आयोजित किया निशुल्क स्वास्थ्य शिविर
आवाज-ए-ख्वातीन ने महिलाओं के लिए आयोजित किया निशुल्क स्वास्थ्य शिविर

 

मुजफ्फरनगर. दिल्ली स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘आवाज-ए-ख्वातीन’ द्वारा आयोजित एक मुफ्त स्वास्थ्य शिविर ने आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक शिविर आयोजित किया. पुरकाजी में याथार्थ सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के सहयोग से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया.

शिविर में 250से अधिक महिलाओं ने भाग लिया, जहां महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित कई मुद्दों को संबोधित किया गया. कई महिलाओं ने असामान्य योनि स्राव के बारे में शिकायत की, जिसमें डॉक्टरों ने ल्यूकोरिया के बारे में अधिक बताया, जो कई महिलाओं को आम समस्या होती है. कई महिलाओं को अंतर्निहित योनि संक्रमण का भी निदान किया गया था.

डॉक्टरों ने महिलाओं में प्रचलित बैक्टीरियल और फंगल संक्रमणों की उपेक्षा पर भी चिंता व्यक्त की. समस्या से निपटने के लिए डॉक्टरों ने महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में सलाह दी. सुरक्षित मासिक धर्म स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त सैनिटरी पैड भी वितरित किए गए.

शिविर का उद्देश्य महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था. डॉक्टरों की टीम ने स्थानीय महिलाओं के ब्लड शुगर के स्तर की भी जांच की और 37को मधुमेह का रोगी पाया गया और 60से अधिक अन्य महिलाओं को हल्के मधुमेह का निदान किया गया. शिविर में ग्रामीण भारत में महिलाओं के स्वास्थ्य की उपेक्षित स्थिति उजागर हुई. कार्यक्रम में मौजूद एक आहार विशेषज्ञ ने संतुलित आहार के महत्व को समझाया और गतिहीन जीवन शैली को रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव का सुझाव दिया.

आवाज-ए-ख्वातीन के सदस्यों ने यह भी बताया कि एक सामान्य भारतीय परिवार में अक्सर महिलाओं का पोषण प्राथमिकता नहीं होता है. आवाज-ए-ख्वातीन की निदेशक रत्ना शुक्ला ने कहा कि महिलाएं अक्सर खाने में सबसे आखिरी होती हैं, जिससे विशेष रूप से महिलाओं में पोषण की कमी होती है. टीम इन महिलाओं के बीच आयरन, फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां भी वितरित करती हैं, जो अक्सर भोजन और पोषण छोड़ देती हैं.

आवाज-ए-ख्वातीन का उद्देश्य भारत में महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल में बदलाव का हिस्सा बनना है और पिछले कुछ महीनों से स्वस्थ भारत के लिए एक रोडमैप बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है जिसमें अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाएं शामिल हैं.