अफगानिस्तानः डोभाल की पहल पर बैठक से पहले शुभ संकेत, मलाला का निकाह, तस्वीरें वायरल

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 2 Years ago
 मलाला का निकाह, तस्वीरें वायरल
मलाला का निकाह, तस्वीरें वायरल

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली
 
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में अफगानिस्तान मसले पर होने वाली कई देशों की बैठक से पहले अच्छा ‘शगुन’ सामने आया है. जिस तालिबान के आतंक के कारण निर्वासन जीवन जी रही तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लड़कियों की शिक्षाके लिए लड़ने वाला मलाला युसूफजई ने आखिरकार शादी कर ली.
 
उनके निकाह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. उनकी शादी पर दुआ का सिलसिला चल रहा है. यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी ने भी उनके अच्छे वैवाहिक जीवन की कामना की है.
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ब्रिटेन की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने असर मलिक नाम के एक पाकिस्तानी युवक से शादी की है.मंगलवार को ट्विटर पर जारी तस्वीरों में मलाला यूसुफजई को शादी के दौरान और बाद में अपने पति के साथ देखा जा सकता है.
 
मलाला यूसुफजई ने ट्विटर पर अपनी शादी की खबर शेयर करते हुए लिखा, ‘‘आज का दिन मेरी जिंदगी का अहम दिन है. असर और मैं जीवन साथी बन गए हैं. हमने अपने परिवारों के साथ बर्मिंघम में शादी की थी.
 
भविष्य के लिए अपनी आशा और इसके बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए, मलाला यूसुफजई ने अपने लिए प्रार्थना करने के लिए कहा.मलाला के पति असर मलिक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के राष्ट्रीय उच्च प्रदर्शन केंद्र के महाप्रबंधक हैं.
 
जब मलाला यूसुफजई ने शादी की खबर साझा की, तो विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने जोड़े के लिए शुभकामनाएं व्यक्त कीं. उनके सुखद भविष्य की कामना की.असर मलिक लाहौर प्रबंधन और विज्ञान विश्वविद्यालय (एलआईएमएस) से स्नातक हैं. वह दो साल पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में शामिल हुए थे.
 
वह पीएसएल फ्रेंचाइजी मुल्तान सुल्तान्स के साथ महाप्रबंधक संचालन के रूप में भी जुड़े रहे हैं.याद रहे कि नोबेल पुरस्कार विजेता पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई हमेशा से ही महिलाओं की शिक्षा को लेकर मुखर रही हैं.
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मलाला यूसुफजई 11 साल की उम्र से लड़कियों की शिक्षा के लिए अभियान चला रही हैं. 2012 में तालिबान द्वारा गोली मारे जाने के बाद, वह दुनिया भर में लड़कियों की शिक्षा के लिए संघर्ष का प्रतीक बन गई.
 
उन्होंने सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब भी लिखी. 17 साल की उम्र में, वह दुनिया की सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता बन गईं.उन्होंने मलाला फंड के जरिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल जारी रखा.
 
यह फंड ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों के स्कूल बनाने में मदद करता है, आगे की माध्यमिक शिक्षा के लिए कार्यक्रम पेश करता है, और जरूरतमंद लोगों के लिए स्कूल की आपूर्ति प्रदान करता है.