आवाज-ए-ख्वातीन की स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में जुटी लड़कियां, 50 सम्मानित

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-05-2022
आवाज-ए-ख्वातीन की स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में जुटी लड़कियां, 50 सम्मानित
आवाज-ए-ख्वातीन की स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में जुटी लड़कियां, 50 सम्मानित

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
गैर सरकारी संस्था आवाज-ए-ख्वातीन  ने शिखर गर्ल्स स्कूल, ओखला में ‘महिला सशक्तिकरण‘ और ‘शिक्षा‘ विषय पर नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया. इसमें बड़ी संख्या में लड़कियांे ने भाग लिया, जिनमें से 50 सम्मानित की गईं.

आवाज-ए-ख्वातीन  के उद्देश्य को पूरा करने वाले इस कार्यक्रम के माध्यम से लड़कियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच उपलब्ध कराया गया. आवाज-ए-ख्वातीन  का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उनकी यात्रा के दौरान उनका मार्गदर्शन करना है.
 
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प्रतियोगिता में भाषा का कोई बंधन नहीं रखा गया था. इसलिए प्रतिभागियों ने अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में नारे लिखे. आवाज-ए-ख्वातीन की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में 50 लड़कियों ने हिस्सा लिया.
 
संस्था ने टॉप थ्री पोजीशन होल्डर्स को सम्मानित कर बधाई दी. सभी को सहभागिता प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए.स्कूल प्रबंधन और छात्रों ने एनजीओ को उन तक पहुंचने और एक ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया, जिसने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया और उन्हें एक अवसर दिया जहां उन्होंने अपनी नई प्रतिभाओं का पता लगाया.
 
इस अवसर पर आवाज-ए-ख्वातीन  निर्देशक रत्ना शुक्ला आनंद ने बताया कि कैसे महिला सशक्तिकरण के लिए लैंगिक समानता पूर्वापेक्षित है.हमारे घरों में बालिकाओं और बालकों के बीच काम का विभाजन शुरू से ही समान होना चाहिए, ताकि उनकी मानसिकता कठोर न हो और वे लैंगिक भूमिकाओं को स्टीरियोटाइप न करें.
 
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उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महिलाओं पर जिन अतिरिक्त जिम्मेदारियों का बोझ है, उनके करियर में बाधा नहीं होनी चाहिए.उन्होंने कहा कि ऑफिस का माहौल ऐसा होना चाहिए कि महिलाओं के साथ समान व्यवहार किया जाए.
 
इन कदमों से राष्ट्र निर्माण और समग्र रूप से देश और व्यक्तियों की समृद्धि भी होगी.