क्या चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाएगी भारतीय क्रिकेट टीम? बीसीसीआई का स्पष्टीकरण

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-10-2024
Will the Indian cricket team go to Pakistan for the Champions Trophy? BCCI's clarification
Will the Indian cricket team go to Pakistan for the Champions Trophy? BCCI's clarification

 

आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा है कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का पाकिस्तान दौरा भारत सरकार की अनुमति पर निर्भर है.पत्रकारों से बात करते हुए राजीव शुक्ला ने कहा कि 'अभी इस बात पर कोई फैसला नहीं लिया गया है कि भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी या नहीं, लेकिन हमारी नीति है कि हम अंतरराष्ट्रीय दौरों के लिए हमेशा सरकार से इजाजत लेते हैं.'

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह सरकार को तय करना है कि हमारी टीम को किसी देश में जाना चाहिए या नहीं." इस मामले में सरकार जो भी फैसला लेगी हम उसका पालन करेंगे.राजीव शुक्ला भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे दूसरे टेस्ट से इतर मीडिया से बात कर रहे थे.पाकिस्तान 19फरवरी से 9मार्च तक चैंपियंस ट्रॉफी वनडे टूर्नामेंट की मेजबानी करने वाला है.

याद रखें कि भारत और पाकिस्तान केवल आईसीसी आयोजनों में एक-दूसरे से खेलते हैं.मुंबई हमलों के बाद 2008से भारत ने द्विपक्षीय क्रिकेट के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है.पाकिस्तान भी सात साल के अंतराल के बाद पिछले साल वनडे विश्व कप के लिए भारत आया था.

वहीं, हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि भारत चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा.बता दें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड IICC से इस टूर्नामेंट को पाकिस्तान से श्रीलंका या दुबई में आयोजित करने का अनुरोध भी कर सकता है.हाल ही में एशिया कप भी हाइब्रिड मॉडल के तहत खेला गया था, जिससे भारत को अपने सभी मैच श्रीलंका में खेलने की अनुमति मिली.

परिणामस्वरूप, श्रीलंका ने नौ मैचों की मेजबानी की जबकि शेष चार मैचों की मेजबानी पाकिस्तान ने की.दूसरी ओर, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) टूर्नामेंट को पाकिस्तान से बाहर ले जाने के सख्त खिलाफ नजर आ रहा है.हाल ही में पाकिस्तान के ऑलराउंडर हसन अली ने भी कहा था कि अगर भारत पाकिस्तान का दौरा नहीं करता है तो टूर्नामेंट उनके बिना ही आयोजित किया जाना चाहिए.आईसीसी ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी सदस्य बोर्ड को सरकारी नीति के खिलाफ जाने के लिए मजबूर नहीं करेगा.