मंजीत ठाकुर
दो खबरें हैं. पहली, विराट कोहली का आज जन्मदिन है. दूसरी, गुरुवार को आइसीसी ने कोहली को प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड के लिए नामित किया. यह पुरस्कार पिछले एक महीने में उम्दा क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है.
ऐसा लग रहा है कि इस बार यह पुरस्कार कोहली को मिले, क्योंकि पिछले दो महीनों में विराट कोहली ने जो खेल दिखाया है, वह अप्रतिम है. यह खेल अप्रतिम इसलिए है क्योंकि विराट कोहली ने पिछले साढ़े तीन साल में जो बुरा और बदतरीन तौर देखा वह शायद किसी खिलाड़ी ने देखा होगा.
पिछले साढ़े तीन साल की अवधि में कोहली का औसत 57 से गिरकर 36 रह गया और उन्होंने शतकों का लंबा सूखा दौर झेला. इस कैलेंडर साल में अगस्त तक, कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में महज 25 रन की औसत से रन बनाए थे. उन्होंने अपना 70वां अंतरराष्ट्रीय शतक 23 नवंबर, 2019 को लगाया था और उसके बाद उनका अगला शतक एक हजार दिनों (1021 दिनों) के बाद आया.
इस साल के आइपीएल में भी कोहली उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए और सिर्फ दो अर्धशतक लगाए.
इस दौरान कोहली विवादों में भी घिरे और उन्होंने रॉयल चैलेंजर बेंगलूरू की आइपीएल टीम से लेकर भारतीय टेस्ट, वनडे और टी-20 हर फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ दी. कोहली के खराब फॉर्म को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल होते रहे. स्थिति यह आ गई कि एक बार कोहली ने खुद कहा कि एक दौर ऐसा भी आया जब कोहली ने एक महीने तक बल्ले को हाथ भी नहीं लगाया.
फिर आया एशिया कप. बेशक, इसमे भारत का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा और भारत पाकिस्तान के हाथों हार गया लेकिन कोहली की वापसी हुई और क्या जोरदार हुई.
एशिया कप में कोहली ने जब्बर बैटिंग की और 5 मैचों में 276 रन बनाए. इसी टूर्नामेंट में उनके बल्ले से सवा तीन के बाद सैंकड़ा भी निकला, वह भी टी-20 मैच में. यह टी-20 में उनका पहला अंतरराष्ट्रीय शतक भी था. एशिया कप के बाद इस खबर के लिखे जाने तक, दो महीनों में कोहली 624 रन कूट चुके हैं. और इनमें वह चार पारियां भी शामिल हैं जो टी-20 विश्व कप में उनने खेली हैं.
आज टी-20 विश्व कप में कोहली सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं. 1 जनवरी 2021 से 20 अगस्त, 2022 की अवधि में कोहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के 100 सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में भी नहीं थे.
टी-20 विश्व कप में कोहली चार पारियों में 3 अर्धशतक ठोंक चुके हैं. और तीनों अर्धशतकों के साथ वह नाबाद भी रहे हैं. इनमें से दो में वह मैन ऑफ द मैच भी रहे हैं.
बेशक, पिछले तीन साल उनके लिए निराशा भरे रहे होंगे, पर अब एक बार फिर वह अपनी ही राख से उठकर खड़े हुए हैं. यह बतौर खिलाड़ी कोहली के लिए तो अच्छा है ही, हिंदुस्तान के क्रिकेट के लिए और भी अच्छा है.