आवाज द वाॅयस टोक्यो
तालिबानी हंगामों के बीच सुबह भारत के लिए एक अच्छी खबर आई. देश की बेटी भाविना पटेल ने टोक्यो में चल रहे पैरालिंपिक के टेबल टेनिस में भारत के लिए एक तमगा पक्का कर दिया. उन्होंने सेमीफाइनल में चीन की झांग मियाओ को 3-2 से हराकर स्वर्ण पदक के लिए फाइनल में प्रवेश किया.
भावना ने पैरालंपिक खेलों की टेबल टेनिस प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया. भाविना की शुरुआत खराब रही. झांग ने पहला गेम 11-7 से अपने नाम किया. चीनी पैडलर ने आगे बढ़ने के लिए पहले सीधे पांच अंक लिए.
इसके बाद भारतीय पैडलर ने दूसरा गेम 11-7 से जीतकर मैच को 1-1 से बराबर कर लिया. दूसरे गेम में भाविना ने 8-6 के स्कोर के साथ बढ़त बनाकर दूसरे गेम को 11-7 से सील कर दिया.भाविना ने तीसरे गेम की शुरुआत उच्च स्तर पर की और 5-0 की बढ़त बना ली। फिर उसने फाइनल के करीब जाने के लिए खेल को 11-4 से समेट लिया.
अगले गेम में, झांग ने जोरदार वापसी की. 11-9 से जीत हासिल की और मैच को निर्णायक स्थिति में ले गई, लेकिन भाविना ने बढ़िया खेल देखते हुए चीनी विजयी अभियान को रोक दिया.भावना शुक्रवार को पैरालंपिक खेलों की टेबल टेनिस प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई हैं.
गुजरात की 34 वर्षीय पैडलर ने गत चैंपियन और सर्बिया की अनुभवी बोरिसलावा पेरीक-रैंकोविक को महिला एकल क्वार्टरफाइनल में केवल 18 मिनट में 11-5, 11-6, 11-7 से परास्त किया.