चाय बेचने वाले की बेटी ने जीता पहला स्वर्ण पदक

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
काजोल सरगर
काजोल सरगर

 

पंचकूला. एक चाय स्टॉल लगाने वाले की बेटी काजोल सरगर ने तीन साल पहले खेल को अपनाया था. वह अपने बड़े भाई संकेत को भारोत्तोलक के रूप में देखने के लिए एक स्थानीय व्यायामशाला में जाती थी. महाराष्ट्र की सांगली के 16 वर्षीय खिलाड़ी ने भी हैरत से देखा, क्योंकि वह भारत के शीर्ष भारोत्तोलकों में से एक बनने के लिए रैंकों में लगातार वृद्धि कर रह थे, लेकिन इसने उन्हें खेल को अपनाने के लिए पूरी तरह से प्रेरित नहीं किया.

2019 में सब कुछ बदल गया, जब उन्होंने पुणे में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली सांगली की रूपा हांगंडी को देखा. काजोल सरगर ने रविवार को यहां खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में पहली स्वर्ण पदक विजेता बनने के बाद कहा, "मेरा भाई मुझसे पांच साल बड़ा है. मैंने उससे पहले कभी खेल के बारे में बात नहीं की."

उन्होंने खुलासा किया, "खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रूपा हांगंडी की सफलता के बारे में जानने के बाद ही मुझे लगा कि मुझे भारोत्तोलन का भी प्रयास करना चाहिए." काजोल ने महिलाओं के 40 किग्रा वर्ग में कुल 113 किग्रा भार उठाकर महाराष्ट्र के पदक तालिका में शीर्ष प्राप्त किया.

काजोल केवल 50 किग्रा ही हासिल कर सकीं और तीसरे प्रयास में असम की रेखामोनी गोगोई से पीछे रह गईं, जिन्होंने क्लीन एंड जर्क में दो किलोग्राम अधिक वजन उठाया. लेकिन उसने क्लीन एंड जर्क में 60 किग्रा और 63 किग्रा भार उठाकर पोडियम में शीर्ष पर पहुंच गई.

रेखामोनी (109 किग्रा, 52 किग्रा स्नैच, 57 किग्रा क्लीन एंड जर्क) तीसरे स्थान पर खिसक गई, क्योंकि अरुणाचल प्रदेश की सांडिया गुंगली ने कुल 111 किग्रा (47 किग्रा स्नैच, 63 किग्रा क्लीन एंड जर्क) के साथ रजत पदक जीता. काजोल ने अगस्त 2021 में पटियाला में यूथ नेशनल में कांस्य पदक जीता था, लेकिन इस साल की शुरुआत में कलाई की चोट ने उन्हें वर्ष के लिए अपने लक्ष्यों को फिर से पाने के लिए मजबूर कर दिया.