सिंधु, श्रीकांत और लक्ष्य: भारत की नजर बैडमिंटन में ज्यादा से ज्यादा मेडलों पर

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
सिंधु, श्रीकांत और लक्ष्य: भारत की नजर बैडमिंटन में ज्यादा से ज्यादा  मेडलों पर
सिंधु, श्रीकांत और लक्ष्य: भारत की नजर बैडमिंटन में ज्यादा से ज्यादा मेडलों पर

 

मुंबई. गोल्ड कोस्ट में राष्ट्रमंडल खेलों का 2018 सीजन बैडमिंटन में भारत के लिए एक सफल अभियान था. इस सीजन में भारत ने सात पदक जीते थे, जिसमें दो स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदक शामिल थे. तब से भारत बैडमिंटन प्रतियोगिता में सबसे सफल राष्ट्र के रूप में उभरा है.

1966 में किंग्स्टन, जमैका में राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन को शामिल किया गया था. तब से प्रकाश पादुकोण (1978), सैयद मोदी (1982), और पारुपल्ली कश्यप (2014) की बदौलत भारत कम मौके पर ही सफल रहा है, जबकि साइना नेहवाल ने महिला एकल में दो बार स्वर्ण - 2010 में नई दिल्ली में और गोल्ड कोस्ट में जीता था. कुल मिलाकर, इंग्लैंड और मलेशिया ने 2018 तक इस आयोजन में अपना दबदबा कायम रखा है.

यह 2018 में भी था कि भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार मिश्रित टीम प्रतियोगिता में स्वर्ण पर कब्जा किया था. भारत ने महिला एकल में दबदबा बनाया क्योंकि साइना नेहवाल ने महिला एकल खिताब में हमवतन पी.वी. सिंधु गोल्ड कोस्ट में फाइनल में हराया था.

इस बार सिंधु बमिर्ंघम में 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में चार साल पहले के अपने रजत को स्वर्ण में बदलने की उम्मीद में भारत के अभियान की अगुवाई करेंगी, क्योंकि साइना को बाहर कर दिया गया था क्योंकि वह ट्रायल से बाहर हो गई थीं.

इन चार वर्षों में सिंधु एक मजबूत खिलाड़ी बन गई हैं. 2019 में विश्व चैंपियन के रूप में महिला बैडमिंटन शिखर पर पहुंच गई और सर्किट पर भी अच्छा प्रदर्शन किया. टोक्यो में ओलंपिक में अपना दूसरा पदक (एक कांस्य) जीता. सिंधु राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार फॉर्म में हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले सिंगापुर ओपन जीता था. इस साल उन्होंने नई दिल्ली में स्विस ओपन और सैयद मोदी मेमोरियल भी जीता था.

पुरुष एकल में भारत के अभियान की अगुवाई विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता किदांबी श्रीकांत और विश्व के 10वें नंबर की खिलाड़ी लक्ष्य सेन करेंगे, जिन्होंने सत्र की शानदार शुरूआत की है.

लक्ष्य और श्रीकांत ने 2018 में मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई को हराकर रजत पदक जीता था, उन्हें बीडब्ल्यूएफ विश्व रैंकिंग में 10वें और 11वें स्थान पर रखा गया है.

साल की शुरूआत में कुछ शानदार नतीजों के बाद ये दोनों कमजोर दौर से गुजर रहे हैं. जनवरी में दिल्ली में इंडिया ओपन का खिताब जीतने के बाद लक्ष्य जर्मन ओपन और ऑल इंग्लैंड के फाइनल में पहुंचे थे.

तब वह थॉमस कप विजेता टीम में शामिल हो गए, लेकिन जून में इंडोनेशिया मास्टर्स में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफल रहे, जून में कोरिया ओपन, एशिया चैंपियनशिप और इंडोनेशिया ओपन में जल्दी बाहर हो गए.

श्रीकांत का भी इसी तरह का प्रदर्शन था, क्योंकि पूर्व विश्व नंबर 1 को इस सीजन में सिंगापुर, इंडोनेशिया, थाईलैंड और बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप, ऑल इंग्लैंड और इंडिया ओपन में शुरूआती हार का सामना करना पड़ा था.

वह मई में थॉमस कप में भारत की पहली जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के अलावा स्विस ओपन, कोरिया ओपन, जर्मन ओपन से जल्दी बाहर हो गए थे.

अगर श्रीकांत, लक्ष्य, सिंधु और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी अपनी क्षमता के अनुसार खेलती है, तो भारत एक बार फिर से बेहतर कर पाएगी.

भारत को विश्व में आठवें स्थान पर काबिज रैंकीरेड्डी और शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी से भी पदक की उम्मीद होगी. गोल्ड कोस्ट 2018 की रजत पदक विजेता, जिन्होंने इस साल जनवरी में इंडिया ओपन जीता और इस सीजन में ऑल इंग्लैंड, कोरिया ओपन और बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं थीं.

दुनिया की 8वें नंबर की जोड़ी ने थॉमस कप में कुछ शानदार प्रदर्शन किए, जिसने फाइनल में मोहम्मद अहसान और केविन संजय सुकामुल्जो के मजबूत संयोजन को हराकर इंडोनेशिया पर भारत की सनसनीखेज जीत में योगदान दिया.

कुल मिलाकर, यदि खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन करते हैं, तो बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का एक और शानदार अभियान देखा जा सकता है.