आवाज द वॉयस / नई दिल्ली
स्विस दिग्गज रोजर फेडरर के टेनिस करियर के अंतिम मैच के दौरान राफेल नडाल भी अपने आंसू नहीं रोक सके. साथ ही इगा स्वीयाटेक और क्रिस एवर्ट ने भी नम आंखों के साथ फेडरर को विदाई दी. लंदन में लेवर कप के पहले दिन नडाल के साथ डबल्स मैच खेलकर फेडरर ने टेनिस को अलविदा कहा.
39 वर्षीय तेज गेंदबाज गेंदबाज झूलन गोस्वामी, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ महिला चैम्पियनशिप सीरीज के बाद शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया-
फेडरर ने अपने शानदार करियर में 20 ग्रैंडस्लैम जीते और सेंटर कोर्ट पर नम आंखो के साथ उन्होंने अपना आखिरी टेनिस मैच खेला. फेडरर और नडाल ने अपने आखिरी मुकाबले में अमेरिका के जैक सॉक और अमेरिका के फ्रांसिस तियाफो की जोड़ी से युगल मैच में 4-6, 7-6 (2), 11-9 से हार का सामना किया.
फेडरर ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि लेवर कप उनका अंतिम एटीपी टूर्नामेंट होगा.
विश्व की नंबर 1 महिला एकल खिलाड़ी, इगा स्वीयाटेक ने ट्वीट किया कि उनकी नींद और अभ्यास सत्र इस ऐतिहासिक अवसर का इंतजार कर रहे थे.
उन्होंने ट्वीट किया, "मेरे पास अभ्यास के लिए सुबह का वक्त है, लेकिन नींद के लिए आज रात इंतजार करना होगा. अंतिम मैच हैशटेग रोजर फेडरर, लेवर कप."
दो बार की विंबलडन चैंपियन पेत्रा क्वितोवा ने ट्वीट किया, "अंतिम मैच देखना सुखद रहा। शुक्रिया हैशटेग रोजर फेडरर."बेल्जियम की महान टेनिस खिलाड़ी किम क्लिस्टर्स ने ट्वीट किया, "आगामी भविष्य के लिए आपको शुभकामनाएं."
जबकि पूर्व डेनिश स्टार कैरोलिन वोज्नियाकी ने कहा, "क्या भावनात्मक रात है! वन एंड ओनली रोजर फेडरर."
आईसीसी ने झूलन गोस्वामी को शानदार करियर के लिए दी बधाई
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शनिवार को अनुभवी भारत की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी को अंतरराष्ट्रीय करियर के लिए बधाई दी, आईसीसी ने उन्हें महिला एकदिवसीय मैचों में दुनिया की सबसे सफल गेंदबाज के रूप में माना.
39 वर्षीय तेज गेंदबाज, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ महिला चैम्पियनशिप सीरीज के बाद शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. झूलन गोस्वामी ने पांच आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप खेले. जिसमें 2005 और 2017 में टीम फाइनल तक भी पहुंची.
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने गोस्वामी की लंबी उम्र की प्रशंसा की और कहा कि उन्हें खेल के महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में याद किया जाएगा.
अलार्डिस ने कहा, झूलन का दो दशकों में एक अविश्वसनीय करियर रहा है, जिसमें सभी प्रारूपों में बड़ी सफलता मिली है. एक तेज गेंदबाज के लिए इतने लंबे समय तक बने रहना अद्भुत है और इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वह महिला एकदिवसीय मैचों में विकेट लेने वालों की सूची में सबसे आगे है.
आगे उन्होंने कहा, झूलन के करियर की अवधि में महिला क्रिकेट के विकास की एक महत्वपूर्ण अवधि शामिल थी और उनकी उपस्थिति ने खेल के प्रोफाइल को बढ़ाने में मदद की.
मुझे यकीन है कि न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में कई युवा लड़के और लड़कियां उनसे प्रेरित हुए होंगे. आईसीसी की ओर से मैं झूलन को शानदार करियर के लिए बधाई देता हूं.
गोस्वामी ने 12 टेस्ट में 44 विकेट, 204 एकदिवसीय मैचों में 255 विकेट और 68 टी-20 में 56 विकेट के साथ अपना एक बेहतरीन सफर को समाप्त किया.
विश्व कप नहीं जीतना सबसे अफसोसजनक: झूलन गोस्वामी
अपना आखिरी मैच खेलने जा रही भारतीय तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने कहा है कि विश्व कप नहीं जीत पाना उनके लिए सबसे निराशाजनक क्षण है.
यह भारतीय महिला क्रिकेट में काफी अलग प्रेस कॉफ्ऱेंस थी. झूलन गोस्वामी से मिलने के लिए सामान्य से अधिक पत्रकार आए हुए थे, बेशक वह वर्चुअली ही आए थे.
सवाल, झूलन की पसंदीदा यादों से लेकर उनको किस बात का खेद है, तक पूछे गए और झूलन ने एक तेज गेंदबाज का धैर्य दिखाया, जिससे उन्होंने निपटते हुए 20 साल तक कड़ी मेहनत की है.
झूलन ने कहा, "पिछले दो वर्षों से मैं सोच रहा थी कि हर सीरीज मेरी आखिरी सीरीज हो सकती है, खासकर जब कोविड-19 के कारण क्रिकेट को 2021 तक स्थगित करना पड़ा.
मैं काफी चोटिल हो रही थी. विश्व कप के बाद मैंने सोचा कि शायद श्रीलंका का दौरा मेरा आखिरी होगा, लेकिन विश्व कप के दौरान मैं चोटिल हो गई और श्रीलंका दौरे के लिए पर्याप्त फिट नहीं थी.
टी20 विश्व कप (फरवरी 2023) से पहले यह आखिरी वनडे सीरीज है और इसलिए मैंने सोचा कि मैं एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी, बेंगलुरु) जाऊंगी, खूब रिहैब करूंगी और अपनी आखिरी सीरीज के लिए इंग्लैंड आऊंगी."
झूलन 2005 और 2017 दो वनडे विश्व कप फाइनल का हिस्सा रहीं. 2017 विश्व कप के खिताबी मुकाबले में भारत सिर्फ़ नौ रनों से मैच हारा। अनुभवी तेज गेंदबाज ने कहा कि विश्व कप नहीं जीतना खेदजनक है, लेकिन उम्मीद है कि मौजूदा खिलाड़ी लंबी दूरी तय करेंगे.
उन्होंने कहा, "अगर हम उनमें से (दो विश्व कप फाइनल) एक जीत जाते तो यह टीम इंडिया और महिला क्रिकेट के लिए बहुत अच्छा होता. यह हर एथलीट के लिए आखिरी लक्ष्य है. जब आप इतनी मेहनत करते हैं, आप चार साल तक तैयारी करते हैं और अगर आप ट्रॉफी जीतते हैं तो यह सपने सच होने जैसा है.
दुर्भाग्य से हमने टी20 (2020 टी20 विश्व कप) सहित तीन फाइनल खेले, लेकिन फाइनल नहीं जीत पाए. इसने भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और यही एक खेद है."