रणजी खिलाड़ी प्रकाश भगत आजकल दाल पूड़ी बेचने को मजबूर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 06-07-2021
सचिन तेंदुलकर के साथ प्रकाश भगत (फाइल फोटो)
सचिन तेंदुलकर के साथ प्रकाश भगत (फाइल फोटो)

 

सिलचर. असम के लिए अभी रणजी खेलने वाले प्रकाश भगत अब अपना गुजारा करने के लिए दाल पूड़ी बेचने को मजबूर हैं.

भगत राज्य के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और स्टेट लेवल के टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं.

भगत ने कहा कि असम टीम के सदस्य के तौर पर उन्होंने 2009-10 में रणजी ट्रॉफी और 2010-11 में रेलवे तथा जम्मू-कश्मीर के खिलाफ खेले थे.

पूर्व क्रिकेटर ने 2003 में बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में ट्रेनिंग ली थी.

भगत ने कहा, “एनसीए ट्रेनिंग के दौरान मैंने सौरभ गांगुली को गेंदबाजी की थी. उस समय मुझे सचिन तेंदुलकर, जहीर खान, हरभजन सिंह और वीरेंद्र सहवाग से मिलने का मौका मिला था.”

उन्होंने कहा, “मुझे अपने पिता के निधन के बाद 2011 में क्रिकेट छोड़ना पड़ा. मेरे पिता और बड़े भाई दीपक भगत चाट बेचते थे. पिता के निधन के बाद मेरे भाई भी बीमार पड़ गए.”

दीपक शादीशुदा हैं और उनके दो छोटे बच्चे हैं. भगत ने कहा कि अगर असम क्रिकेट संघ (एसीए) या अन्य कोई संस्थान उनकी वित्तीय रुप से मदद करता है, तो वह अपना क्रिकेट करियर शुरू कर सकेंगे.

भगत ने कहा, “क्रिकेट छोड़ने के बाद मैंने परिवार चलाने के एक मोबाइल कंपनी में काम करना शुरू किया, लेकिन कोरोना के कारण लागु हुए लॉकडाउन में मैंने पिछले साल अपनी नौकरी खो दी.”

पूर्व रणजी खिलाड़ी मनिमय रॉय ने कहा कि वित्तीय सहायता की कमी के कारण पूर्वोत्तर के ज्यादातर खिलाड़ी खेल को छोड़ रहे हैं.