रणजी चैंपियनः एमपी गजब है!

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 26-06-2022
एमपी रणजी चैंपियन!
एमपी रणजी चैंपियन!

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

साथ में एजेंसी इनपुट्स

शतकवीर सरफराज की बल्लेबाजी के बाद मुंबई की उम्मीदें बढ़ गई थीं कि बार फिर रणजी चैंपियन मुंबई ही बनेगा. लेकिन एमपी तो गजब है न. उसके बल्लेबाजों ने पहली पारी में लंगर डाल बल्लेबाजी की और फिर इतिहास बन गया.

बेंगलूरू के एम. चिन्ना स्वामी स्टेडियम में मध्य प्रदेश ने वह कर दिखाया जो पहले कभी नहीं हुआ था. 41 बार की चैंपियन टीम मुंबई को रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में मध्य प्रदेश (एमपी) ने रविवार को 6 विकेट से करारी शिकस्त देते हुए पहली बार ट्रॉफी अपने नाम कर ली. टेस्ट की दूसरी पारी में मुंबई ने 57.3 ओवर में 10 विकेट खोकर 269 रन बनाए थे, जहां उन्होंने एमपी को जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य दिया था.

लक्ष्य का पीछा करने उतरी एमपी की शुरुआत सलामी जोड़ी हिमांशु मंत्री और यश दुबे ने की. हालांकि, एक रन बनाकर दुबे दूसरे ओवर में ही गेंदबाज डी. कुलकर्णी की गेंद पर क्लीन बोल्ड होकर वापस पवेलियन लौट गए. उनके बाद शुभम एस शर्मा बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आए और मंत्री के साथ पारी को आगे बढ़ाया.

एमपी के लिए लक्ष्य इतना कठिन नहीं था कि बल्लेबाजों को जीत के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती. दूसरे विकेट के लिए दोनों बल्लेबाजों के बीच 52 रन की साझेदारी हुई और हिमांशु मंत्री गेंदबाज शैम्स मुलानी के ओवर में क्लीन बोल्ड हो गए. उन्होंने 55 गेंदों पर तीन चौके की मदद से 37 रन बनाए. उनके बाद पार्थ सहानी क्रीज पर आए.

हालांकि, सहानी भी गेंदबाज सैम्स मुलानी की गेंद पर कोतियान को कैच थमा बैठे और 5 रन बनाकर वापस पवेलियन लौट गए. उसके बाद रजत पाटीदार क्रीज पर आए और शुभम शर्मा के साथ पारी को आगे बढ़ाया. इस बीच शर्मा गेंदबाज मुलानी के ओवर में अरमान जाफर को कैच थमा बैठे. शर्मा ने इस दौरान 75 गेदों पर एक चौका और एक छक्के की मदद से 30 रन बनाए.

एमपी ने यहां तक चार विकेट के नुकसान पर 101 रन बना लिए थे. उनके बाद आदित्य श्रीवास्तव क्रीज पर आए, जिन्होंने पाटीदार के साथ नाबाद पारी खेली और एमपी को जीत की कगार पर पहुंचा दिया.

एमपी ने 29.5 ओवर में मैच को अपने नाम कर लिया. टीम ने 4 विकेट के नुकसान पर 108 रन बनाए.

इससे पहले एमपी की पहली पारी में यश दुबे (133), शुभम शर्मा (116) और पाटीदार (122) ने शतक जड़े थे, जिस कारण टीम ने 536 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया था. वहीं, सारंश जैन ने भी अर्धशतक लगाकर 57 रन का योगदान दिया था. वहीं, मुंबई ने पहली पारी में 10 विकेट के नुकसान पर 374 रन बनाए थे, जहां सरफराज खान (134) ने शतक जड़ा था, साथ ही जायसवाल ने 78 रन की पारी खेली थी.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह और पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने रविवार को पहला रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने पर मध्य प्रदेश को बधाई दी. मध्य प्रदेश ने रविवार को इतिहास रचते हुए एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में फाइनल में पसंदीदा मुंबई को छह विकेट से हराकर पहली रणजी ट्रॉफी अपने नाम की.

जय शाह ने शानदार प्रदर्शन की सराहना की, जबकि सहवाग ने कहा कि टूर्नामेंट में अपनी कड़ी मेहनत के लिए मध्य प्रदेश प्रशंसा का पात्र है.

जय शाह ने ट्वीट किया, "मध्य प्रदेश को रणजी ट्राफी 2022 जीतने पर बधाई! हमने पूरे सीजन में कुछ शानदार प्रदर्शन देखे हैं. महामारी के बीच एक और सफल रणजी सीजन सुनिश्चित करने के लिए बीसीसीआई में सभी के द्वारा शानदार प्रयास किया गया."

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मध्य प्रदेश टीम को बधाई देते हुए ट्वीट किया.

 

 

सहवाग ने ट्वीट किया, "मध्य प्रदेश को रणजी ट्रॉफी जीतने पर बहुत-बहुत बधाई. 41 बार की चैंपियन मुंबई को हराने के लिए शानदार प्रदर्शन किया. एमपी सभी सम्मान और गौरव की हकदार है, कुछ उज्‍जवल प्रतिभा के लिए एक ऐतिहासिक दिन है."

मध्य प्रदेश की जीत ऐसी थी कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी टीम के असाधारण प्रदर्शन की सराहना करने से खुद को रोक नहीं पाए.

शिवराज सिंह चौहान ने कू एप पर मध्य प्रदेश की टीम को बधाई दी.

उन्होंने पोस्ट को कैप्शन दिया, "हम चैंपियन हैं."

इस बीच, पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने भी टीम को पहली रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने पर बधाई दी.

एमपी के कोच चंद्रकांत पंडित ने कहा कि रणजी ट्राफी का खिताब जीतना बेहद खास है, क्योंकिउनसे 23 साल पहले जो छूट गया था, वह उन्होंने 2022 में पूरा करके दिखाया.1998/99 के फाइनल में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में, एमपी के कप्तान पंडित कर्नाटक से छह विकेट से हार गए थे और सबसे महत्वपूर्ण, एक घरेलू फाइनल में खिताब से चूक गए थे.

2022 की उसी टीम के मुख्य कोच के रूप में पंडित ने सफलता का स्वाद चखा, क्योंकि मध्य प्रदेश ने मुंबई को छह विकेट से हराकर अपना पहला रणजी ट्रॉफी खिताब जीता अपने नाम किया.

पंडित ने कहा, "हर ट्रॉफी आपको संतुष्टि देती है.लेकिन यह रणजी ट्राफी जीतना बेहद खास है, क्योंकि 23 साल पहले मैं एक कप्तान था और तब ऐसा नहीं कर सका.लेकिन मुझे आदित्य पर बहुत गर्व है कि उसने ऐसा किया है.मैंने हमेशा महसूस किया कि मैंने मध्य प्रदेश के लिए कुछ छोड़ दिया था और यही एक कारण था कि मैं उस ट्रॉफी को मध्य प्रदेश वापस लाने के लिए थोड़ा अधिक उत्साहित और भावुक था.

कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने कहा कि टीम को कोविड-19 के कारण प्रारूप में बदलाव के बावजूद टूर्नामेंट की तैयारी में रणजी ट्रॉफी जीतने का विश्वास था.

उन्होंने कहा, "पहले दिन से हमने खेलना शुरू किया और प्री-सीजन कैंप से हम तैयारी कर रहे थे, न केवल इस टीम से, हमारे पास 40 खिलाड़ियों की एक टीम थी, जो केवल रविवार के साथ हर दिन सुबह से शाम तक लगातार काम कर रहे थे."

श्रीवास्तव ने गुजरात के खिलाफ मध्य प्रदेश के टूर्नामेंट के सलामी बल्लेबाज के साथ-साथ पंडित के मार्गदर्शक को बढ़ाने का श्रेय दिया. उन्होंने आगे कहा, "जब भी हम लड़खड़ा रहे थे या मैच में एक मुश्किल स्थिति थी, उनके विचार को पूरी टीम ने वास्तव में अच्छी तरह से स्वीकार किया और हम बस प्रक्रियाओं को सही तरीके से करते रहे."

श्रीवास्तव ने टिप्पणी की कि वह चाहते थे कि पंडित ट्रॉफी जीतने के बाद थोड़ा और मुस्कुराएं.