निकहत जरीन: रूढ़ीवादी समाज को ठोकर में रखने वाला एक सितारा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 20-05-2022
निकहत जरीन: रूढ़ीवादी समाज को ठोकर में रखने वाला एक सितारा
निकहत जरीन: रूढ़ीवादी समाज को ठोकर में रखने वाला एक सितारा

 

मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली
 
विश्व चैंपियन बाॅक्सर निकहत जरीन की जिंदगी हर उस मुस्लिम लड़की जैसी है, जिससे खेलने से रोका जाता है. इसके बावजूद उन्हांेने न केवल बॉक्सिंग रिंग में अपनी लड़ाई लड़ी, बल्कि अन्य मुस्लिम लड़कियों की तरह खेल मैदान के बाहर भी. वह उन युवा लड़कियों के लिए  प्रेरणा हैं, जिनमें अपने सपनों के लिए लड़ने का साहस और आत्मविश्वास नहीं है.

उनका मानना है कि बॉक्सिंग ने उन्हें समाज के रूढ़िवादी मानदंडों से लड़ने और अपने सपनों के बीच की सभी बाधाओं को तोड़ने का साहस दिया है. 
उनके पिता साधारण सेल्समैन हैं और मां गृहणी, चार भाई बहनों यह तीसरे नंबर पर हैं.
 
शुरूआत में इनके खेल को लेकर खूब मजाक उड़ाया गया. पिता-माता के हौसले पस्त करने की कोशिश की गई. बावजूद इसके निकहत जरीन बढ़ती गईं.
 
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निखत जरीन ने वर्ष 2011 में महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप और फ्लाईवेट डिवीजन में यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जो तुर्की में एआईबीए महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में आयोजित किया गया था.
 
निकहत जरीन ने 2014 यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीता था जो बुल्गारिया में आयोजित किया गया था. उसी वर्ष, उन्होंने 52 किग्रा भार वर्ग में एक रूसी मुक्केबाज पाल्टसेवा एकाटेरिना को हराकर नेशंस कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता.
 
यह चैंपियनशिप 12 जनवरी 2014 को सर्बिया के नोवी सैड में आयोजित की गई थी. उन्होंने वर्ष 2016 में असम में आयोजित 16वीं सीनियर महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता है.
 
जूनियर विश्व चैंपियन निखत ने भी वर्ष 2018 में बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल कप में स्वर्ण पदक हासिल करने में कामयाबी हासिल की थी.
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निकहत जरीन को सम्मान

निखत जरीन को निजामाबाद, तेलंगाना के आधिकारिक राजदूत के रूप में चुना गया है, जो उनका गृहनगर भी है.फरवरी 2015 में जालंधर, पंजाब, भारत में आयोजित अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में उन्हें सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज के रूप में भी सम्मानित किया गया है.
 
निकहत जरीन की उपलब्धियां

2011 में, उन्होंने यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप और एआईबीए महिला जूनियर में फ्लाईवेट वर्ग में अपने नाम पर स्वर्ण पदक का दावा किया जो तुर्की में आयोजित किया गया था.
 
2014 में, उन्होंने बुल्गारिया में आयोजित यूथ बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता.उसी वर्ष 2014 में, उन्होंने तीसरे राष्ट्र कप में 51 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जो एक अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप थी, जिसे नोवी सैड, सर्बिया में आयोजित किया गया था. उन्हांेने रूसी खिलाड़ी पाल्टसेवा एकातेरिना को हराकर अपने पदक को सुरक्षित किया.
 
2015 में, उन्होंने 16वीं सीनियर वुमन नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जो असम में आयोजित की गई थी.
 
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शारीरिक माप

ऊंचाईः 1.93"

वजनः 51 किग्रा

आंखों का रंगः भूरा

बालों का रंगः भूरा

निकहत जरीन व्यक्तिगत जानकारी

पूरा नामः निकहत जरीन

उम्रः 23 साल

जन्म तिथिः 14 जून 1996

गृहनगरः निजामाबाद जिला, तेलंगाना, भारत।

राशि चिन्हः मिथुन

धमर्ः इस्लाम

पसंदीदा हस्तियांः ज्ञात नहीं

शौकः ज्ञात नहीं

पसंदीदा खानाः बिरयानी

शैक्षिक योग्यता

उच्चतम योग्यताः स्नातक की पढ़ाई.

स्कूलः निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल, निजामाबाद

कॉलेज - विश्वविद्यालयः एवी कॉलेज, हैदराबाद
 
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निकहत जरीन से विवाद पर तब मैरी काॅम ने क्या कहा था ?

“हर बाउट मेरे लिए एक नया अनुभव है. मुझे नहीं पता कि यह लड़की कौन है. मैं कई सालों से लड़ रही हूं. मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि मुझे यह सब नहीं चाहिए.
 
अखबारों में यह सामने आया है कि वह मुझे चुनौती दे रही है. ”मैरी कॉम ने निकहत को हराकर 51 किग्रा के फाइनल में प्रवेश करने के बाद प्रतिक्रिया में यह बात कही थी.
उन्हांेने कहा,
 
“पहले आप रिंग के अंदर साबित होते हैं और फिर (मेरे खिलाफ) बोलें. उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ एक पदक जीता है और ऐसा उसका अहंकार और रवैया है! वे गर्व और संतुष्ट महसूस करती हैं. यह एक बहुत ही बुरी आदत है,‘‘ 
वर्षीय मैरी कॉम ने कहा,
 
“मैंने कितने साल देश के लिए प्रतिस्पर्धा की है? और मैंने कितनी बार साबित किया है? हल्के ढंग से कहना बेहतर है. वे बहुत भाग्यशाली हैं जो मेरे साथ लड़ रहे हैं. उन्हें और अनुभव मिलेगा, ”लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने जारी रखा.
 
अखबार में उनकी टिप्पणियों को पढ़कर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ. यह बहुत परेशान करने वाला है. ये सब कैसे कह सकते हैं. हां, सभी को कहने का अधिकार है और कोई भी चुनौती दे सकता है, लेकिन मैं भी एक इंसान हूं. इससे बहुत परेशानी होती है. कोई बात नहीं.