जानिए, मिताली राज ने कैसे तय किया क्लासिकल डांसर से क्रिकेटर का सफर, आंकड़ों में सचिन तेंदुलकर से भी आगे

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-06-2022
जानिए, मिताली राज ने कैसे तय किया क्लासिकल डांसर से क्रिकेटर का सफर, आंकड़ों में सचिन तेंदुलकर से भी आगे
जानिए, मिताली राज ने कैसे तय किया क्लासिकल डांसर से क्रिकेटर का सफर, आंकड़ों में सचिन तेंदुलकर से भी आगे

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
 
भारतीय महान महिला क्रिकेटर की महान खिलाड़ी मिताली राज ने 23 साल के लंबे करियर के बाद सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया. उन्होंने 16 साल की उम्र में क्रिकेट में पदार्पण किया और तब से हर एकदिवसीय विश्व कप में खेलती रहीं.

हालांकि वह बचपन में शास्त्रीय नृत्यांगना बनना चाहती थीं. इसके लिए प्रशिक्षण भी लिया, पिता के सपने को पूरा करने के लिए पैरों से घुंघरू उतार कर क्रिकेट का बल्ला थाम लिया. फिर तो क्रिकेट की दुनिया में ऐसी रमी की 23 वर्षों तक खेलती ही रहीं. इस दौरान उन्हांेने महिला क्रिकेट जगत में अपनी खास पहचान बनाए रखा.
 
मगर करीब 23 साल तक क्रिकेट जगत पर राज करने वाली इस खिलाड़ी नेसन्यास ले लिया है. वह भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान भी रहीं. उन्होंने अपने प्रशंसकों को सूचित करते हुए एक बयान में कहा, कम ही लोग जानते हैं कि वह बचपन में क्लासिकल डांसर बनना चाहती थीं.
 
उनकी मां की भी यही इच्छा थी. उन्होंने अपना नियमित प्रशिक्षण शुरू कर दिया था, लेकिन वायु सेना के अधिकारी उनके पिता चाहते थे कि बेटी क्रिकेटर बने. अंत में अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए मताली राज ने डांस छोड़ दिया और क्रिकेट में उतर गईं.
 
राज एकमात्र भारतीय (पुरुष और महिला) क्रिकेटर हैं जिन्होंने कप्तान के रूप में दो वनडे विश्व कप फाइनल खेले हैं. हालांकि, विश्व चैंपियन बनने का उनका लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. मिताली राज के नेतृत्व में भारतीय महिला क्रिकेट टीम 2005 विश्व कप फाइनल में खेली थी.
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ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन में खेले गए फाइनल में भारत को 98 रन से हराया था. फिर जुलाई 2017 में मिताली राज की कप्तानी वाली भारतीय टीम महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंची, लेकिन फिर इंग्लैंड ने विश्व चैंपियन बनने की भारत की दावेदारी से मुंह मोड़ लिया. 
 
 मिताली राज ने 17 साल की उम्र में वनडे में पदार्पण किया था. पहले ही मैच में नाबाद 114 रन बनाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तूफानी शुरुआत की थी. उन्होंने 2002 में 19 साल 254 दिन की उम्र में टैंटन टेस्ट में दोहरा शतक लगाकर इंग्लैंड के खिलाफ इतिहास रचा था.
 
यह तब महिला टेस्ट टीम का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर था. हालांकि पाकिस्तान की बलूच ने बाद में 242 रन बनाकर मिताली राज को पीछे छोड़ दिया, लेकिन सबसे कम उम्र में दोहरा शतक बनाने का उनका रिकॉर्ड आज भी कायम है. 
 
मिताली राज का वनडे करियर 22 साल 274 दिनों तक चला. यह पुरुष और महिला क्रिकेट दोनों में एक विश्व रिकॉर्ड है. उनसे पहले, सचिन तेंदुलकर ने पुरुष और महिला क्रिकेट दोनों में सबसे लंबे करियर का रिकॉर्ड बनाया था.
 
सचिन तेंदुलकर ने 22 साल 91 दिन में 463 वनडे खेले.  वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड मिताली राज के नाम है. उन्होंने 232 वनडे में 50.68 की औसत से कुल 7805 रन बनाए.
 
दूसरे नंबर की इंग्लैंड की शार्लेट एडवर्ड्स के नाम 191 मैचों में 5,992 रन हैं. उन्होंने मिताली राज से 1813 रन कम बनाए हैं. उन्होंने वनडे में भारत के लिए सबसे ज्यादा 7 शतक, सबसे ज्यादा 64 बार, 50 या इससे ज्यादा रन बनाए हैं. महिला टी20 में भारत के लिए मिताली राज ने सबसे ज्यादा 2364 रन बनाए हैं.