कश्मीर के साकिब, सुहैब, पीर आदिल, बिलकिस और अक्सा गुलजार, 19 वीं विश्व पेनकैक सिलाट चैंपियनशिप में जोर दिखाने को तैयार
मलिक असगर हाशमी/ नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के शेख नजमुस साकिब, सुहैब जिलानी, पीर आदिल मंजूर, रवीस अहमद, कोमल धीमान, बिलकिस मकबूल और अक्सा गुलजार मलेशिया में अपने पंच का जोर दिखाने के लिए तैयार हैं. इन सभी का उस भारतीय टीम के लिए चयन हुआ है जो मलेशिया में आयोजित 19 वीं विश्व पेनकैक सिलाट चैंपियनशिप में भाग लेगी.
दरअसल यह खेल मार्शल आर्ट है और इसका प्रशिक्षण कैंप यहां लगा था और अब टीम मलेशिया के लिए रवाना हो गई है.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मलेशिया के मेलाका में होने वाली 19वीं विश्व पेनकैक सिलाट चैंपियनशिप के लिए यहां से भारतीय पेनकैक सिलाट टीम को झंडी दिखाकर रवाना किया.
रवानगी से पहले खिालाड़ी
उपराज्यपाल ने पेनकैक सिलाट के खिलाड़ियों और कोचों के साथ बातचीत की. उन्हें आगामी विश्व चैंपियनशिप में उनकी सफलता की कामना की.
उपराज्यपाल ने कहा, विश्व चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करना बड़े गर्व की बात है. वहां एक अच्छा खेल देखने को मिलेगा और हम सभी को गौरवान्वित करेगा.
उपराज्यपाल ने खिलाड़ियों से कहा कि उनकी एक अरब से अधिक लोग जय-जयकार करेंगे.
उपराज्यपाल ने कहा,हमारे युवा आज हर खेल अनुशासन में आश्चर्यजनक रूप से अच्छा कर रहे हैं. आसमान तक पहुंचने और दुनिया में देश का गौरव फैलाने के लिए तैयार हैं.
मार्शल आर्ट के खिलाड़ी एक खास एस्टांस में
देश को एक खेल महाशक्ति में बदलने के लिए उनके आत्मविश्वास, सपने और समर्पण को देखकर मुझे वास्तव में गर्व है. इसके लिए उपराज्यपाल ने खिलाड़ियों, कोचों और टीम के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं.
उपराज्यपाल ने श्रीनगर में आयोजित 21 दिवसीय राष्ट्रीय कोचिंग शिविर के दौरान खिलाड़ियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और प्रशिक्षण के बारे में भी जानकारी ली.
जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल के सचिव नुजहत गुल ने बताया कि यह इस क्षेत्र में आयोजित पहला पेनकैक सिलाट या कोई मार्शल आर्ट अनुशासन राष्ट्रीय कोचिंग शिविर था.
देश भर से 36 खिलाड़ियों (पुरुष और महिला) की टीम मलेशिया के लिए रवाना हुई. जम्मू-कश्मीर के आठ खिलाड़ी- करण चोपड़ा, शेख नजमुस साकिब, सुहैब जिलानी, पीर आदिल मंजूर, रवीस अहमद, कोमल धीमान, बिलकिस मकबूल और अक्सा गुलजार विश्व चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम का हिस्सा हैं.
जम्मू-कश्मीर के दो कोच- मोहम्मद इकबाल और इरफान अजीज सहित कुल छह कोच और स्टाफ सदस्य, इसके अलावा एक स्टाफ सदस्य - यूटी से मुफ्ती हामिद यासीन भी विश्व पेनक सिलाट चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम के साथ हैं.
उपराज्यपाल सिन्हा ने खिलाड़ियों को झंडी दिखाकर रवाना किया
यह पहला राष्ट्रीय दल है जो अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए श्रीनगर से रवाना हुआ. बाद में, उपराज्यपाल ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मिलकर वन बॉल वन वर्ल्ड एनवायरनमेंट कैंपेन - द स्पिरिट अॉफ फुटबॉल अॉन सस्टेनेबल डेवलपमेंट और पर्यावरण परिवर्तन के बारे में पर्यावरण जागरूकता शुरू करने के लिए गेंद पर हस्ताक्षर किए.
इस मौके पर डॉ अरुण कुमार मेहता, मुख्य सचिवय, श्री पांडुरंग के पोल, संभागीय आयुक्त कश्मीर, जम्मू-कश्मीर के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, भारतीय पेनकैक सिलाट महासंघ के अधिकारी,जम्मू-कश्मीर खेल परिषद और अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
क्या है पेनकैक सिलाट ?
पेनकैक सिलाट एक मार्शल आर्ट खेल है, जिसमें सामूहिक रूप से विभिन्न शैलियों की मार्शल आर्ट शामिल है. इसके अलावा खेल में हथियारों का उपयोग करने की भी अनुमति है.
पेनकैक सिलाट में पूरे शरीर की लड़ाई शामिल है, जहां शरीर के किसी भी हिस्से का इस्तेमाल किया जा सकता है और शरीर के किसी भी हिस्से पर हमला किया जा सकता है.
यानी कराटे के नियम से भिन्न है. लड़ाई का यह रूप इंडोनेशिया में आत्मरक्षा के साधन के रूप में उत्पन्न हुआ और एक प्रतिस्पर्धी खेल में बदल गया. यह खेल वर्तमान में कई दक्षिण एशियाई देशों में फैल चुका है.
वर्तमान में पेनकैक सिलाट की कई शैलियों का अभ्यास किया जा रहा है, जिनमें से छह सबसे लोकप्रिय हैं मिनांगकाबाउ, सुंडा, बेतावी, जावा, बाली, मालुकु हैं. आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कुछ आक्रामक चालें घूंसे और किक हैं. पैर, कोहनी और कंधे से प्रहार भी अक्सर किया जाता है.
बचाव के लिए, सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला कदम हाथों, अग्र-भुजाओं, कोहनी या कंधों का उपयोग करके अवरुद्ध करना है. बचाव के लिए चकमा देना और झुकना भी अक्सर इस्तेमाल किया जाता है.
इंटरनेशनल पेनकैक सिलाट एसोसिएशन खेल का सर्वोच्च शासी निकाय है जो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है. पेर्सिलैट द्वारा आयोजित पेनकैक सिलाट विश्व चैंपियनशिप, जो हर दो या तीन साल में आयोजित की जाती है.
खेल के लिए उच्चतम स्तर की प्रतियोगिता है जिसमें 30 से अधिक देशों की भागीदारी शामिल है.