गोलकुंडा मुक्केबाजी संघः धर्मनिरपेक्ष भारत की हकीकी तस्वीर

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-06-2022
गोलकुंडा मुक्केबाजी संघः धर्मनिरपेक्ष भारत की हकीकी तस्वीर
गोलकुंडा मुक्केबाजी संघः धर्मनिरपेक्ष भारत की हकीकी तस्वीर

 

शेख मोहम्मद यूनुस / हैदराबाद

गोलकुंडा बॉक्सिंग एसोसिएशन के तहत ओवैसी प्ले ग्राउंड गोलकुंडा में दशकों से चल रहा धर्म या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना महिलाओं, लड़कियों और लड़कों के लिए मुक्केबाजी प्रशिक्षण केंद्र, धर्मनिरपेक्ष भारत की एक सच्ची और व्यावहारिक तस्वीर है. बुर्का पहने महिलाओं और हिजाब में लड़कियों सहित सैकड़ों युवा सुबह और शाम के समय मुफ्त मुक्केबाजी प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं.

यहां विभिन्न क्षेत्रों से महिलाएं और लड़कियां आती हैं, जिन्हें प्रसिद्ध मुक्केबाज शेख एजाज अहमद द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है. यहां कोई रहस्य नहीं है. ड्रेस कोड के नाम पर कोई जबरदस्ती नहीं है. सभी धर्मों के हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों को एक सुखद वातावरण में मुक्केबाजी और आत्मरक्षा में उत्साहपूर्वक प्रशिक्षित किया जाता है.

जब हिजाब के नाम पर समाज में अशांति और अराजकता फैलाई जा रही है, धर्म के नाम पर हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने की कोशिश की जा रही है और नफरत फैलाई जा रही है. ऐसे अशांत समय में गोलकुंडा बॉक्सिंग एसोसिएशन का केंद्र भारत की गंगा-जमुनी सभ्यता, सांप्रदायिक सद्भाव, राष्ट्रीय एकता, अनेकता में एकता का एक सुंदर प्रतीक है.

गोलकुंडा मुक्केबाजी एसोसिएशन

शेख अब्दुल गनी उर्फ चांद बॉक्सर ने भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद 1980 में गोलकुंडा बॉक्सिंग एसोसिएशन का गठन किया. उन्होंने सेना में सेवा करते हुए देश के लिए तीन युद्ध भी लड़े.

शेख अब्दुल गनी के पिता सूबेदार मेजर शेख अहमद भी एक बेहतरीन मुक्केबाज थे. उनके 8 बच्चे भी मशहूर बॉक्सर थे, जिनमें दिवंगत शेख अब्दुल गनी भी शामिल हैं. परिवार को बॉक्सिंग विरासत में मिली. अब उनके पिता अब्दुल गनी के मिशन को उनके बेटे और मशहूर मुक्केबाज शेख शब्बीर अहमद उर्फ अकबर, शेख जफर असलम और शेख एजाज अहमद इस परंपरा को बड़ी खूबसूरती से आगे बढ़ा रहे हैं.

एसोसिएशन ने शुरू में ऐतिहासिक गोलकुंडा किले के तल पर मुक्केबाजी का प्रशिक्षण प्रदान किया. हालांकि शेख एजाज अहमद पिछले 12 साल से ओवैसी प्लेग्राउंड गोलकुंडा में फ्री ट्रेनिंग दे रहे हैं. संघ द्वारा प्रशिक्षित दर्जनों बालक-बालिकाओं ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना हुनर दिखाया और स्वर्ण पदक जीते.

पुरुष वर्चस्व को खत्म करना है

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बॉक्सिंग खेल में पुरुषों का दबदबा रहा है. हालांकि ये अब बीते दिनों की बात हो गई है. महिलाएं और लड़कियां मुक्केबाजी में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं और रिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं. गोलकुंडा बॉक्सिंग एसोसिएशन बुर्का पहनने वाली महिलाओं सहित 150 में से 50 लड़कियों को प्रशिक्षण देता है.

अमृता ठाकुर, सैयदा सलमा जहां, अयानी सुल्ताना, हबा फातिमा, अदिति, नंदनी, बुशरा शाह और अफशान शाह और प्रशिक्षण शिविर के अन्य लोगों ने राष्ट्रीय और अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लिया और पदक जीते. लड़कियों को न केवल आत्मरक्षा के उद्देश्य से मुक्केबाजी का प्रशिक्षण मिल रहा है, बल्कि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर माता-पिता और कोचों का प्रोफाइल भी ऊंचा कर रही हैं.

हमारे खून में मुक्केबाजी

गोलकुंडा बॉक्सिंग एसोसिएशन के कोच शेख एजाज अहमद ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई स्वर्ण पदक जीते हैं. उन्होंने 80 किलो लाइट हैवीवेट बैंकॉक (थाईलैंड) में इंडो-थाई इंटरनेशनल बॉक्सिंग चौंपियनशिप जीती.

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आवाज-द वॉयस के संवाददाता से बात करते हुए शेख एजाज अहमद ने कहा कि बॉक्सिंग हमारे खून में है. उन्होंने कहा कि उनके दादा शेख अहमद सेना में सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज थे. जबकि उनके पिता शेख अब्दुल गनी ने सेना में सेवा करते हुए अखिल भारतीय सेवा टूर्नामेंट में भाग लिया था.

उन्होंने कहा कि बॉक्सिंग को बढ़ावा देने के लिए उनके पिता द्वारा लगाया गया पौधा आज छायादार पेड़ में बदल गया है. प्रशिक्षण केंद्र से अब तक हजारों बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कम से कम 150 लड़के और लड़कियां प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं.

प्रसिद्ध खिलाड़ियों का दौरा

गोलकुंडा बॉक्सिंग एसोसिएशन को हैदराबाद शहर में परिचय की आवश्यकता नहीं है. यहां के खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से अमिट छाप छोड़ी है. इसलिए प्रसिद्ध मुक्केबाज प्रशिक्षण केंद्र पर आकर बच्चों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें नई तकनीकों से परिचित कराते हैं

. विश्व विख्यात मुक्केबाज हुसामुद्दीन, अर्जुन पुरस्कार विजेता माकन समेत कई अन्य मुक्केबाजों ने न सिर्फ प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया, बल्कि बच्चों की प्रतिभा की भी तारीफ की. माकिन ने प्रशिक्षित बालिका एवं राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता अमृता ठाकुर की प्रतिभा की प्रशंसा एवं प्रोत्साहन किया.

आत्मनिर्णय के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण जरूरी

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शेख एजाज अहमद ने कहा कि युवाओं, खासकर लड़कियों को सुरक्षा और आत्मनिर्णय के तहत प्रशिक्षण मिलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एक हजार वरदान है. युवा लड़के और लड़कियों को फिट रहने के लिए व्यायाम और खेल गतिविधियों में अधिक भाग लेना चाहिए.

शेख एजाज अहमद ने कहा कि रात में होटलों और प्लेटफार्मों पर कीमती समय बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि विभिन्न खेलों विशेषकर मुक्केबाजी में प्रशिक्षण के माध्यम से देश और राष्ट्र का नाम करियर निर्माण से रोशन किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सीखना और प्रशिक्षण मानव जुनून और खोज से संबंधित हैं. इस संबंध में ड्रेस कोड कोई मायने नहीं रखता. यही कारण है कि आज दर्जनों बुर्का पहने महिलाएं उनके सेंटर पर बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ले रही हैं.

उन्होंने बॉक्सिंग में प्रशिक्षण के लिए महिलाओं और लड़कियों के उत्साह पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को इस बात का जायजा लेना चाहिए कि हमने आज क्या किया और कल हमें क्या करना है. तभी हम प्रगति के लिए मंच तैयार कर सकते हैं.

एजाज अहमद ने कहा कि जिस प्रकार भारत विभिन्न धर्मों को मानने वालों का पालना है, उसी प्रकार उनका प्रशिक्षण केंद्र विभिन्न सुंदर फूलों का एक सुंदर गुलदस्ता है. भारत की इस सुंदरता को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है.