मंजीत ठाकुर
हिंदुस्तान में आज भले ही क्रिकेट मजहब की तरह हो गया हो, जहां हम क्रिकेट के सितारों का सम्मान राष्ट्रीय नायकों की तरह करते हैं और तमाम जगहों पर उनके पोस्टर दिखते हैं. बड़े से बड़ा ब्रांड क्रिकेटरो के विज्ञापनों के दम पर बाजार में बैठ बनाता है. लेकिन उन सितारों के बारे में जानना बेहद महत्वपूर्ण होगा, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट की शुरुआत में अपने जौहर दिखाए और इस विशाल इमारत की नींव के पत्थर कहे जा सकते हैं.
ऐसे ही एक क्रिकेटर हैं गुलाम मोहम्मद (Ghulam Mohammad). 12 जुलाई 1898 को पैदा हुए गुलाम मोहम्मद Ghulam Mohammadका इंतकाल 21 जुलाई 1966 को हो गया. बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान चले गए थे.
लंदन में ट्रेन पर चढ़ने का इंतजार कर रही भारतीय क्रिकेट टीम (फोटो सौजन्यः क्रिकइन्फो)
गुलाम मोहम्मद बाएं हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज थे और बल्लेबाजी में निचले क्रम में उतरते थे. 1931-32 में ट्रायल मैचों में बेहतर प्रदर्शन के बाद उनका चयन इंग्लैंड जाने वाली पहली भारतीय टीम के लिए हुआ था.
भारतीय क्रिकेटर जहांगीर खान (बाएं) के साथ गुलाम मोहम्मद
असल में, भारत को हाल ही में टेस्ट दर्जा मिला था और अपना पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए भारतीय टीम 1932 में इंग्लैंड के दौरे पर जा रही थी. हालांकि, इंग्लैंड दौरे पर गुलाम मोहम्मद कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए और 9 मैचों में कुल तीन विकेट ही हासिल कर सके. और उन्हें टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया गया.
1932 की भारतीय टीम, गुलाम मोहम्मद पीछे दाहिन से दूसरे खड़े हैं
उनकी गेंदबाजी का बढ़िया आंकड़ा 1926-27 में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के खिलाफ कराची में आया था. तब एमसीसी मुस्लिम्स ऐंड पारसीज टीम के खिलाफ खेल रही थी. इस मैच में 114 रन देकर गुलाम मोहम्मद ने 5 विकेट लिए थे और दूसरे मैच में 27 रन देकर दो विकेट झटके थे.
पहले मोइनुद्दौला गोल्ड कप टूर्नामेंट के फाइनल मैच में पांच विकेट के साथ 74 रन बना कर उन्होंने महाराज कुंवर ऑफ विजयनगरम इलेवन को खिताबी जीत दिलाई थी. यह टूर्नामेंट 1930-31 में खेला गया था.