नहीं रहे हैदराबाद के पूर्व तेज गेंदबाज और मो. अजहरुद्दीन के कोच हबीब खान

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 17-03-2021
हैदराबाद के रणजी खिलाड़ी हबीब खान नहीं रहे
हैदराबाद के रणजी खिलाड़ी हबीब खान नहीं रहे

 

हैदराबाद के रणजी खिलाड़ी और तेज गेंदबाज हबीब खान अपनी साढ़े फुट से भी अधिक लंबाई की वजह से दूर से ही अलग नजर आते थे. पिछले इतवार को इनका निधन हो गया. वह 83 साल के थे और उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे.

हबीब खान पचास और साठ के दशक में खेलते थे. उस जमाने में खान ब्रर्दर्स कहे जाने वाली तेज गेंदबाजों की खौफनाक तिकड़ी में हबीब सबसे बड़े थे, बाकी के दो भाइयों में से एक थे माजिद खान और दूसरे थे सरदार खान. हबीब खान खिलाड़ियों के परिवार में पैदा हुए थे. उनके दिवंगत पिता इब्राहिम खान भी हैदराबाद के लिए खेल चुके थे. और वह पूर्व आंध्र प्रदेश राज्य का प्रतिनिधित्व क्रिकेट के साथ ही कई अन्य खेलों मसलन, फुटबॉल, हॉकी और एथलेटिक्स में भी कर चुके थे.

हबीब हैदराबाद, सर्विसेज और रेलवे के लिए रणजी ट्रॉपी खेल चुके थे. और इस दौरान उन्होंने दक्षिण क्षेत्र (जयसिम्हा की कप्तानी में) उत्तरी क्षेत्र (दिवंगत टाइगर पटौदी के नेतृत्व में) और मध्य क्षेत्र (दिवंगत हनुमंत सिंह की कप्तानी में) की ओर से खेला. इसके साथ ही, हबीब वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड और श्रीलंका टीमों के भारत दौरे पर शेष भारत की ओर से खेलते थे.

दक्षिण क्षेत्र के लिए दिवंगत एमएल जयसिम्हा की कप्तानी में खेलते हुए हैदराबाद में 1964 में हुए मैच में हबीब ने इंग्लैंड के उप-कप्तान माइक स्टीवर्ट को पहली ही गेंद पर क्लीन बोल्ड कर दिया था.

हबीब ने रणजी ट्रॉफी का पहला मैच 1956 में दिवंगत गुलाम अहमद की कप्तानी में खेला था और उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 1962 में वारंगल मैच में केरल के खिलाफ की थी और तब उन्होंने 14 विकेट चटकाए थे. हैदराबाद की तरफ से 9 साल तक खेलने के बाद वह सर्विसेज की तरफ से एक साल तक 1964 में खेले और रेलवे की तरफ से 1968 से खेलने लगे. 1974 में वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट से रिटायर हुए उस वक्त तक उन्होंने 40 रणजी ट्रॉफी मैच खेल लिए थे और पांच दफा 10 विकेट उड़ाने वाली गेंदबाजी पारियां खेल चुके थे.

अपने रिटायरमेंट के बाद हबीब खान एक कोच बन गए और इस काम में बेहद कामयाब रहे. उन्होंने मोहम्मद अजहरूद्दीन, वेंकटेश प्रसाद, आरए स्वरूप जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग दी.