बुजुर्ग क्रिकेटर फारूक इंजीनियर ने तोड़ी चुप्पी, बोले- भारतीय होने पर इंग्लैंड में उड़ाया जाता था उपहास

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-06-2021
बुजुर्ग क्रिकेटर फारूक इंजीनियर
बुजुर्ग क्रिकेटर फारूक इंजीनियर

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

पूर्व विकेटकीपर और भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज फारुख इंजीनियर ने इंग्लैंड में नस्लीय पूर्वाग्रह का शिकार होने की बात कबूली है.पिछले हफ्ते, इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन को इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने 2012 और 2013 में उनके खिलाफ नस्लवादी और सेक्सिस्ट ट्वीट्स की लंबित जांच के कारण निलंबित कर दिया था.
 
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय क्रिकेटरों के साथ कथित तौर पर नस्लीय भेदभाव घटना के बाद फारूक इंजीनियर ने कहा कि क्रिकेट बोर्ड ने ओली रॉबिन्सन के खिलाफ सही फैसला किया है.
 
उन्होंने इस संबंध में अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि भारत से संबद्धता के कारण उन्हें कई मौकों पर नस्लीय पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा उपहास उड़ाया जाता था.‘‘ 
 
उन्होंने आगे कहा, ‘‘जब मैंने पहली बार काउंटी क्रिकेट शुरू किया, तो मेरे भारत से संबंधित होने के बारे में सवाल पूछे गए. जब मैं लंकाशायर का हिस्सा बना तो मुझे एक या दो बार इसका (नस्लीय पूर्वाग्रह) सामना करना पड़ा.
 
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, फारूक इंजीनियर ने कहा कि भारत से संबंध और अपने उच्चारण के कारण उन्हें इस तरह की टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है.फारूक इंजीनियर का कहना है कि उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में खुद को साबित किया. 83 वर्षीय फारूक इंजीनियर ने कहा कि उनकी अंग्रेजी बाकी अंग्रेजी बोलने वाले लोगों से बेहतर थी. उन्होंने जल्द ही अपने काम से खुद को साबित कर दिया.
 
उन्होंने यह भी कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग के कारण पूर्व विदेशी खिलाड़ियों का रवैया बदल गया है. उन्होंने कहा कि ‘‘कुछ साल पहले तक, हम सभी उनके लिए खूनी भारतीय थे. अब जब आईपीएल शुरू हो गया है, वे हमारे पीछे हैं, लेकिन मेरे जैसे लोग जानते हैं कि वे शुरुआत में वास्तव में क्या थे.