अमेरिका-पाक संबंध अस्थायी हैं, शायद ही कोई रणनीतिक या आर्थिक हित होंः विशेषज्ञ

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 13-11-2021
अमेरिका-पाक संबंध अस्थायी हैं, शायद ही कोई रणनीतिक या आर्थिक हित होंः विशेषज्ञ
अमेरिका-पाक संबंध अस्थायी हैं, शायद ही कोई रणनीतिक या आर्थिक हित होंः विशेषज्ञ

 

वाशिंगटन. एक विदेश नीति विशेषज्ञ ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध अस्थायी सुरक्षा चिंताओं से प्रेरित हैं और ये देश शायद ही किसी रणनीतिक या आर्थिक हितों को साझा करता है.

अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल में एक ओपिनियन पीस में, पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन में पीएचडी नजीर अहमद मीर ने लिखा है कि इस्लामाबाद के साथ अमेरिका के संबंधों की प्रकृति के बारे में अमेरिका में ही चिंता व्यक्त की जा रही है. मीर ने कहा कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी ने पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों की नाजुकता को फिर से उजागर कर दिया है.

यह देखते हुए कि दोनों देशों के बीच संबंधों में एक ऑन-ऑफ-ऑफ प्रक्षेपवक्र रहा है, मीर ने लिखा, "1950के दशक की शुरुआत से ही, वे तदर्थ आधारों पर ‘एक हाथ दे-दूसरे हाथ ले’ के रूप में संबंध स्थापित किए गए हैं, जिसमें संयुक्त राज्य को सुरक्षा की गारंटी दी गई है और पाकिस्तान द्वारा पैसे के बदले में सहायता. एक बार सुरक्षा खतरे गायब हो जाने के बाद, रिश्ते उस स्थिति में लौट जाते हैं, जहां वे शायद ही एक सामान्य हित साझा करते हैं, जो उन्हें सहयोग करने के लिए बाध्य करता है."

मीर ने कहा कि वाशिंगटन अकेले पाकिस्तान पर तालिबान और अन्य आतंकवादियों की मेजबानी करने का आरोप लगाने वाला नहीं है. इस प्रकार अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन और गणतंत्र के प्रयासों को विफल कर रहा है.

अफगानिस्तान की सरकार ने बार-बार पाकिस्तान पर तालिबान के साथ हाथ मिलाने और तालिबान के खिलाफ युद्ध को कमजोर करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने उल्लेख किया, "तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी के शब्दों को दोहराते हुए, अफगानिस्तान के सरकारी मीडिया और सूचना केंद्र के निदेशक दावा खान मेनापाल ने मई 2021में वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) को बताया कि हम सभी मानते हैं कि पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकाने और समर्थन हैं."

संयुक्त राज्य अमेरिका की मांग है कि पाकिस्तान ‘इन समूहों के खिलाफ निर्णायक और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करे, बाह्य रूप से केंद्रित आतंकवादी समूहों और अपने क्षेत्र से संचालित संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कुछ कार्रवाई करने के बावजूद.’

उन्होंने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एकतरफा संबंध मौजूद हैं, क्योंकि दोनों देश शायद ही किसी रणनीतिक या आर्थिक हितों को साझा करते हैं. संबंध तदर्थ सुरक्षा चिंताओं से प्रेरित थे, दोनों देशों को एक दूसरे की आवश्यकता थी. वाशिंगटन को सोवियत संघ के खिलाफ अपनी रक्षा का आश्वासन देने के लिए पाकिस्तान की आवश्यकता थी. 1980 के दशक में और 2000 के दशक में ओसामा बिन लादेन / अल-कायदा का सफाया, पाकिस्तान के लिए, इन स्पष्ट रूप से अवांछित परिस्थितियों ने इसकी प्रासंगिकता को महसूस करने और उन्हें मुद्रीकृत करने का अवसर बनाया. तालिबान और हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तान के क्षेत्र में अपने ठिकानों का विस्तार कर रहे हैं."