पाकिस्तानी युवाओं की हिंसक से गहरी हुईं आतंक की जड़ें

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
एक पाकिस्तानी युवक अपनी नन्ही बच्ची को एके 47 की ट्रेनिंग देता हुआ
एक पाकिस्तानी युवक अपनी नन्ही बच्ची को एके 47 की ट्रेनिंग देता हुआ

 

इस्लामाबाद. हिंसा के कृत्यों में पाकिस्तान के युवाओं की भागीदारी दर्शाती है कि कैसे चरमपंथ पाकिस्तानी समाज के दिल में गहराई से मौजूद है.

डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की मानवाधिकार पर सीनेट की स्थायी समिति इस चरमपंथ की घटनाओं पर नाराज है, जो शिक्षित और अनपढ़ दोनों में समान रूप से व्याप्त है. मियां चन्नू की घटना की आलोचना के लिए हुई बैठक में चर्चा की गई कि कैसे 19 से 30 साल के लोगों में हिंसक प्रवृत्ति देखी है, जो ज्यादातर सोशल मीडिया मंचों से प्रभावित हैं.

प्रकाशन ने मानवाधिकार सचिव इनामुल्ला खान का हवाला देते हुए बताया कि विशेष रूप से, 30 के दशक में पुरुषों की भीड़ ने मियां चन्नू में कुरान के ग्रंथों को जलाने के लिए मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति की हत्या कर दी थी.

खान ने सीनेट निकाय के सदस्यों को आगे बताया कि सियालकोट में श्रीलंकाई नागरिक की हत्या के मामले में 130 संदिग्धों में से 120 की उम्र 18 से 20 वर्ष के बीच थी.

समिति ने जोर देकर कहा कि धार्मिक मंचों को इस तरह की घटनाओं से बचने में मदद करने के लिए इस्लाम की सच्ची भावना और सहिष्णुता पर इसके रुख का प्रसार करना चाहिए.

अतिरिक्त आईजी साहिबजादा शहजाद सुल्तान के हवाले से पाकिस्तानी अखबार ने बताया कि इस साल की शुरुआत से अब तक पाकिस्तान में हिंसा के 14 से 15 मामले सामने आए हैं.

इस बीच, समाज में हिंसा पर हावी होने वाले कट्टरपंथी तत्वों के साथ चरमपंथी विचारधारा का पाकिस्तान का प्रभाव बढ़ गया है.

न्यूज इंटरनेशनल में एक राय के अनुसार, पाकिस्तान में चरमपंथ से खतरा तालिबान के उग्रवाद से लेकर आतंकवादी संगठनों से लेकर ऐसे व्यक्तियों तक आता है, जो वास्तव में इस बात की गहराई में जाने के बिना कि व्यक्ति को क्यों निशाना बनाया जा रहा है, एक व्यक्ति को जिंदा जलाने वाली भीड़ में शामिल होना चाहते हैं.

15-24 आयु वर्ग के बीच पाकिस्तान की युवा आबादी का अनुमान 36 मिलियन है, जबकि बड़ी संख्या में 5.8 मिलियन व्यक्ति 15 वर्ष से कम आयु के हैं. उपरोक्त युवा आबादी कट्टरता की ओर बढ़ती है क्योंकि वहां उच्च बेरोजगारी और आय असमानता जन्मजात है. पाकिस्तान समाज, लेख में उल्लेख किया गया है.