पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिशें कर रहीः रिपोर्ट

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 24-11-2021
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिशें कर रहीः रिपोर्ट
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिशें कर रहीः रिपोर्ट

 

ढाका. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ढाका में इस्लामिक आतंकवाद की जड़ों को मजबूत करके उस बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है, जिसे 1971में एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में बनाया गया था.

बांग्लादेश लाइव न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लश्कर के अलावा आईएसआई की भूमिका पर जोर देते हुए, बांग्लादेशी मंत्री हसन उल-इनू ने कहा, ‘पाकिस्तान की आईएसआई बांग्लादेश के स्वतंत्र होने के समय से बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है और इन पहलुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.’ बांग्लादेश में आतंक और पाकिस्तान द्वारा उसके समर्थन के बीच संबंध 2016में ढाका के पॉश इलाके में होली आर्टिसन बेकरी हमले में स्थापित हुए थे, जिसमें पांच अलग-अलग देशों के 20लोग मारे गए थे.

हमला जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) नामक एक घरेलू समूह द्वारा किया गया था. बांग्लादेश लाइव न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी समूह पर हमले के बाद की छापेमारी से पता चला कि इस समूह को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का समर्थन प्राप्त था.

आईएसआई पर अक्सर प्रशिक्षण, धन और सुरक्षा के रूप में लश्कर-ए-तैयबा सहित विभिन्न आतंकवादी समूहों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है.

बांग्लादेश लाइव न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 2016के ढाका हमले के तुरंत बाद, बांग्लादेश सरकार ने जांच में पाया कि जेएमबी आतंकवादी सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान और फिर अफगानिस्तान गए थे. बांग्लादेश लाइव न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा ने बांग्लादेश में जेएमबी और कट्टरपंथ को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

जेएमबी और लश्कर-ए-तैयबा ने भी रोहिंग्या मुसलमानों की मदद करना शुरू कर दिया है, जो कॉक्स बाजार के टेकनाफ और बांग्लादेश के बंदरबन के दूरदराज के इलाकों में रह रहे हैं.

म्यांमार के पूर्व राष्ट्रपति हतिन क्याव ने देश की सीमा चौकियों पर हमलों के लिए रोहिंग्या आतंकवादी समूह अका मूल मुजाहिदीन (एएमएम) को जिम्मेदार ठहराया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश स्थित एएमएम हरकत-उल-जिहाद इस्लामी-अराकान (हुजी-ए) से उत्पन्न हुआ है, जो लश्कर और पाकिस्तान तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है.

एएमएम रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों से युवाओं की भर्ती कर रहा है और उन्हें बांग्लादेश और भारत में आतंकी हमले करने के लिए प्रशिक्षण दे रहा है. बांग्लादेश लाइव न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अब एक दशक से अधिक समय से, लश्कर, जेएमबी, एएमएम के बीच मजबूत सहयोग रहा है, क्योंकि बांग्लादेश के कई युवाओं को हथियारों और हथियारों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजा जाता है.

2012में, बांग्लादेश के अधिकारियों ने पाकिस्तान स्थित रोहिंग्या ऑपरेटिव मौलाना शबीर अहमद को पकड़ा था. उसे पाकिस्तान स्थित एक अन्य आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (श्रमड) की ओर से बांग्लादेश में रोहिंग्या आतंकवादियों के साथ काम करते हुए पाया गया था.

कुछ साल पहले जेएमबी ने ‘बांग्लादेश को तालिबानी अफगानिस्तान में बदलने’ का नारा दिया था. अब, जेएमबी ने इस्लामिक स्टेट के प्रति अपनी निष्ठा का संकल्प लिया है.

यह पाकिस्तान स्थित लश्कर की मदद के बिना संभव नहीं हो सकता था, जिसके आतंकवादी भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर सक्रिय हैं. बांग्लादेश लाइव न्यूज ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी का अब बांग्लादेश पर गहरा असर पड़ने वाला है, क्योंकि चरमपंथ और आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने की संभावना है.

बांग्लादेश में दो आतंकवादी समूहों, जमात और हेफाजत ने भी घोषणा की है कि वे देश में एक तालिबानी राज्य बनाना चाहते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार की ओर से निष्क्रियता ने केवल लश्कर के नेताओं का विश्वास बढ़ाया है, जो अब भारत के अलावा बांग्लादेश को भी निशाना बनाना चाहते हैं.