आईपीएलः अमेरिका, ब्रिटेन और भारत से नैतिकता सीखें आस्ट्रेलियाई पीएम

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
स्कॉट मारीसन
स्कॉट मारीसन

 

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संजय भाटिया

क्या अजब बात है, अब क्रिकेट खेलना भी जुर्म के दायरे में आ गया है. भारत में आईपीएल खेलने वाले आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों व अन्य स्पोर्टिंग स्टाफ को देश वापसी पर इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है और उन्हें भारत में खेलने पर 5 साल की कैद व अधिकतम 66 हजार डॉलर जुर्माना भरना पड़ सकता है.

वर्तमान में 14 आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर व अन्य स्पोर्टिंग स्टाफ भारत में इंडियन प्रीमियर लीग में खेल रहे हैं, जिनमें स्टीव स्मिथ, पैट कमिंस, गलैन मैक्सवेल, डेविड वार्नर आदि शीर्ष खिलाड़ी इसमें शामिल हैं.

आस्ट्रेलिया की सरकार ने कोविड महामारी के चलते नया नियम लागू किया गया है कि वह भारत से अपने देश में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति पर जुर्माना लगाएगी और पांच साल के लिए जेल में डालने आदि कानूनी कार्यवाही करेगी. यह नियम इन आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों पर भी लागू करने की चेतावनी दी गई है.

सवाल यह है कि क्या अपने देश के लिए इतने साल क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी को भी आस्ट्रेलिया सरकार एक आम इंसान के रूप में लेगी. दूसरे, कोई भी व्यक्ति इस महामारी में किसी दूसरे देश में चला गया और वहां कोविड महामारी दोबारा फैल गई, तो उसमें उसका क्या कसूर है. यह तुगलकी फरमान जारी करने वाले आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मारीसन ने अपने बयान में कहा कि चूंकि खिलाड़ी आईपीएल के लिए अपने व्यक्तिगत तौर पर भारत गए है, इसलिए उन्हें वापसी स्वयं सुनिश्चित करनी होगी.

यह कितना शर्मनाक बयान है? क्या यह बयान नैतिकता के धरातल पर उचित है. अमेरिका और ब्रिटेन अपने फंसे हुए व्यक्ति को स्वदेश लाने के लिए जमीन-आसमान एक कर देता है. भारत ने कुलभूषण जाधव की सुरक्षित वापसी के लिए पाकिस्तान की नाक में दम किया हुआ है और भारत ने पायलट अभिनंदन की वापसी के लिए तो मिसाइलें ही तैनात कर दी थीं. जहां तक कोरोना की बात है, तो ब्रिटेन आदि देशों ने भी पाबंदियां लगा रखी हैं, लेकिन उन्होंने अपने नागरिकों के प्रवेश पर कोई रोक नहीं लगाई है. इतना जरूर है कि उन्हें अनिवार्य रूप से क्वारेंटाइन करने के लिए कहा गया है. क्या स्कॉट मारीसन अमेरिका, ब्रिटेन और भारत जैसे देशों से कुछ सीखेंगे?

मारीसन का यह कहना भी न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है कि खिलाड़ी व्यक्तिगत यात्रा पर भारत गए थे. यदि ऐसा है, तो लोग व्यापारी करने बाहर जाते हैं, तो उनके देशों को उनकी वापसी पर प्रवेश देने से मना कर देना चाहिए. क्या व्यापारी इंसान नहीं होते. इसके अलावा वे अभी व्यक्तिगत यात्रा पर हैं, लेकिन क्या उन्होंने कभी आस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट खेलकर आस्ट्रेलिया का झंडा बुलंद नहीं किया. एक देश अपने खिलाड़ी के प्रति इतना अहसान फरामोश कैसे हो सकता है.

इस विपदा के समय आईसीसी बोर्ड को चाहिए कि आस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड के माध्यम से आस्ट्रेलिया सरकार को चेतावनी दे कि अगर उन्होंने खिलाडियों के साथ किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार किया, तो आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम को आईसीसी परिषद से बाहर कर दिया जाएगा.

दूसरी तरफ भारत सरकार को भी चाहिए कि वह आस्ट्रेलिया सरकार के साथ तुरंत प्रभाव से बात करें, क्योंकि यह मुद्दा हमारे देश की अस्मिता के साथ जुड़ा हुआ है और अब वैसे भी कोरोना महामारी के चलते आईपीएल लीग को कुछ दिनों के लिए बीसीसीआई द्वारा स्थगित कर दिया गया है.

आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर अपने घर वापिस जाएं और इनके हित सुरक्षित करना हम सबकी नैतिक जिम्मेवारी है. ऐसा नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में कोई भी विदेशी भारत आने पर संकोच करेगा और उसके मन में भय भी व्याप्त रहेगा. इसलिए इस मुद्दे को वैश्विक मंच पर प्रमुखता से उठाना भारत सरकार की भी जिम्मेवारी बनती है. इसके अलावा जब तक इन खिलाड़ियों की सुरक्षित स्वदेश वापसी नहीं हो जाती, तब तक इन खिलाड़ियों की मेहमान की हैसियत से भारत में खातिर की जानी चाहिए और जरूरत हो, तो उनका इलाज भी किया जाना चाहिए.

(लेखक पूर्व रणजी क्रिकेटर हैं)