भारत-बांग्लादेश संबंधः सरहद से परे दो देशों को जोड़ता एक-सी तहजीब का धागा

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 27-03-2021
इरफान अभिनीत फिल्म 'डूब' को बांग्लादेश ने अपनी ऑस्कर प्रविष्टि बनाया था
इरफान अभिनीत फिल्म 'डूब' को बांग्लादेश ने अपनी ऑस्कर प्रविष्टि बनाया था

 

हिना अहमद

भारत और बांग्लादेश के बीच भाषा, संस्कृति, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसी बहुत सी बातें साझा हैं. दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग ने रिश्तें को और प्रगाढ़ ही बनाया है. विचारों, ज्ञान और परंपराओं को बांटना इस व्यवस्था का अहम हिस्सा रहा है चाहे वह फिल्में हों, साहित्यिक उत्सव हो या खानपान. बांग्लादेशी फिल्म उद्योग जिसे डॉलीवुड भी कहा जाता है सत्तर के दशक से ही भारतीय फिल्मों के असर में हैं और उनमें से कुछ तो भारतीय फिल्मों का रीमेक भी है. सिनेमा हमारी वैविध्यतापूर्ण संस्कृति का आईना है यह हमारी आस्थाओं को न सिर्फ आकार देता है बल्कि यह जीवनशैली को भी प्रतिबिंबित करता है.

हाल ही में, भारत और बांग्लादेश के बीच बंगबंधु शेख मुजीबुर्ररहमान के जीवन पर एक फिल्म को साझा रूप से बनाने को लेकर एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो इस रिश्तें को और अधिक विस्तार देगा. इस फिल्म को मशहूर फिल्मकार श्याम बेनेगल निर्देशित करेंगे और इस फिल्म के जरिए बांग्लादेश के संस्थापक की जन्मशती मनाई जाएगी. इस फिल्म के निर्माण के लिए भारत सरकार ने फंड भी आवंटित कर दिए हैं.

बंगला एक्टर अप्रतिम चटर्जी कहते हैं, “फिल्में राष्ट्र को एकसूत्र में बांधती हैं. कोलकाता के कई सारे एक्टर बांग्लादेश में लाइव शो किया करते हैं जिन्हें वहां बहुत पसंद किया जाता है. भारतीय बांग्ला फिल्मकारों ने इस साझीदारी का हमेशा स्वागत किया है. जया अहसान जैसी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों ने भारतीय बांग्ला फिल्में में अदाकारी की है और उन्होंने विभिन्न किस्म के किरदार निभाए हैं. इन जैसे कलाकारों के साथ होने से, जो सांस्कृतिक समन्वय की मिसाल पेश करती हैं, हमें बहुत गर्व है.”

बंगाल और बांग्लादेश के बीच भौगोलिक निकटता ने फिल्म उद्योग में भी सहयोग की भावना को बढ़ाया है और भारत-बांग्लादेश सहयोग से कई उपक्रमों को गति मिली है.

मिसेज इंडिया ग्लैमरस 2019 और कोलकाता की मेकअप आर्टिस्ट गुलशन बानो को बांग्लादेशी संगीत बहुत पसंद है और वह रूना लैला और सबीना यास्मीन को बचपन से ही बहुत पसंद करती है और उन्हें ही सुनती हुई बड़ी हुई हैं. बानो महामारी के दौर से पहले प्रायः बांग्लादेश का दौरा करती थीं और उनके कई रिश्तेदार वहां रहते हैं.

वह कहती हैं, “बोंधू तीन दिन तोर बाड़ीते गेलाम”जिसे रुना लैला ने गाया है मेरा फेवरेट ट्रैक है. जब भी मैं प्रदर्शनियों के लिए ढाका जाती हूं वहां के लोगों की मेहमाननवाजी शानदार होती है. बांग्लादेशी लोगों को भारतीय संस्कृति और फिल्म उद्योग से मुहब्बत है. हर घर में लोग जी बांग्ला और स्टार जलसा देखते हैं. वे लोग हर भारतीय हिंदी और बांग्ला टीवी सीरियल देखते हैं और उनके विवाह समारोहों में एक जैसे संगीत और हल्दी की परंपराएं होती हैं और वे बॉलीवुड के गानों पर डांस करते हैं.”

बांग्लादेश के इंडिपेंडेंट यूनिवर्सिटी की छात्र कोलकाता की बंधन सरकार कहती हैं, अपनी बांग्लादेशी सहपाठियों के साथ घुलने-मिनलने में उन्हें अलहदा किस्म के तजुर्बे हुए हैं. उनके लिए, अबीर या नुसरत जहां को देखना बांग्लादेशी एक्टर फिरदौस अहम, नुसरत फारिया, टिशा महजबीं को देखने जैसा ही अनुभव है. अपने विचारों में स्पष्टता के लिए वह बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन को पढ़ती हैं और उनके अंदर इतनी मजबूती आ गई है कि वह पितृसत्तात्मकता के खिलाफ और महिला अधिकारों के लिए आवाज बुलंद कर सके.

अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला 2021 पश्चिम बंगाल में 2021 में आयोजित होगा और इसमें बांग्लादेश की स्थापना के 50वीं वर्षगांठ का उत्सव भी मनाया जाएगा. और यह बंगबंधु को भी समर्पित होगा. 

इस साल फरवरी में तीसरा बांग्लादेश फिल्म फेस्टिवर कोलकाता में आय़ोजित हुआ था जिसमें 32 बांग्लादेशी फिल्में दिखाई गई थीं और इसका मकसद दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्तों की डोर को मजबूत करना था.

पिछले साल नवंबर में, ऐतिहासिक पिंक बॉल टेस्ट मैच भारत और बांग्लादेश के बीच संयुक्त रूप से उद्घाटित किया गया था और तब दोन  देशों के प्रधानमंत्री भी उपस्थित थे.

भारत और बांग्लादेश के बीच जीरो लाइन बॉर्डर हाट पर दोनों देशों के स्थानीय लोगों को स्थानीय स्तर पर कारोबार करने की छूट देता है. ऐसे चार हाट चल रहे हैं और छह और हाटों की स्थापना होनी है.