ढाई चाल: राहुल की यात्रा के सामने खड़ा सबसे बड़ा खतरा

Story by  हरजिंदर साहनी | Published by  [email protected] | Date 27-11-2022
ढाई चाल: राहुल की यात्रा के सामने खड़ा सबसे बड़ा खतरा
ढाई चाल: राहुल की यात्रा के सामने खड़ा सबसे बड़ा खतरा

 

हरजिंदर

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने अपनी आधे से ज्यादा दूरी तय कर ली है. एक हफ्ते बाद यह यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी. पूरी यात्रा में यह पहला मौका होगा जब यात्रा किसी ऐसे प्रदेश में पंहुचेगी जहां कांग्रेस की सरकार है.

यह अपने आप में कांग्रेस की स्थिति पर एक टिप्पणी भी है. जब आप कन्याकुमारी से निकल कर कश्मीर की ओर बढ़ते हैं तो आधे से ज्यादा रास्ता पार करने के बाद ही पहला ऐसा राज्य मिलता है जहां कांग्रेस सत्ता में हो.
 
और जैसे ही यह यात्रा राजस्थान पार करेगी फिर उसे कहीं भी ऐसा कोई और राज्य नहीं मिलेगा जहां कांग्रेस की सरकार हो.लेकिन समस्या यह नहीं है. समस्या यह है कि राजस्थान पहंुचते ही राहुल गांधी की चुनौतियां एकाएक बदल जाएंगी.
 
यह पहला ऐसा राज्य होगा जहां की पूरी सरकार भारत जोड़ो यात्रा के कदमों में होगी. यानी कन्याकुमारी से चला जो कारवां अभी तक संघर्ष और समर्पण की छवि बनाता दिख रहा था, राजस्थान पहुंच कर एक सरकारी अभियान में बदल जाएगा.
 
सरकार के सारे संसाधन और पूरा सरकारी अमला इस यात्रा की हर कदम पर मदद करता दिखाई देगा.अभी जब यह यात्रा मध्य प्रदेश में है तो कांग्रेस के कईं नेता यह आरोप लगा रहे हैं कि राहुल गांधी और उनकी इस यात्रा को जिस तरह की सुरक्षा मिलनी चाहिए राज्य सरकार उस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है.
 
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बेशक, इस तरह की शिकायते राजस्थान में नहीं सुनाई देंगी.लेकिन भारत जोड़ो यात्रा ने अभी तक प्रतिबद्धता का जो आभामंडल हासिल किया था, सरकारी अमले की लगातार मदद से वह धूमिल भी हो सकता है.
 
पर इससे भी बड़ी एक समस्या है जो राजस्थान में राहुल गांधी का इंतजार कर रही है. राजस्थान के बागी खेमों ने इस मौके के लिए अपने मुश्के कसनी शुरू कर दी हैं. बागियों का लग रहा है कि इससे बढ़िया मौका फिर उनके हाथ नहीं आने वाला.
 
इसलिए तलवारे म्यान से बाहर आ चुकी हैं और बयानबाजी शुरू हो चुकी है. यहां तक कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जो ज्यादातर विनम्रता की चादर ओढ़े रहते थे उन्होंने भी मखमली दस्ताने उतार कर अपनी फौलादी मुट्ठियां हवा में लहरानी शुरू कर दी हैं.
 
अंदेशा यह भी है कि राहुल के राजस्थान में कदम रखते ही धमाके भी न शुरू हो जाएं. अगर ऐसा हुआ तो राहुल गांधी उससे कैसे निपटेंगे ? भारत जोड़ो यात्रा का विस्तृत प्लान बनाने वालों ने क्या इसके लिए भी कोई योजना बनाई है ?

एक तरीका यह हो सकता था कि कोई अप्रिय स्थिति पैदा होने से पहले ही राजस्थान की आग पर पानी डालने का इंतजाम किया जाए. यह तभी हो सकता है जब पार्टी का कोई राजनीतिक दमकल दस्ता तुरंत ही राजस्थान पहंुच जाए.
 
इस तरह के राजनीतिक फायर ब्रिगेड इंदिरा गाधी और राजीव गांधी की कांग्रेस में हुआ करते थे जिन्हें किसी भी प्रदेश से बड़ी बगावत की खबर आते ही रवाना कर दिया जाता था. यह विश्वस्थ लोगों की एक टीम होती थी जो हालात को एक हद से ज्यादा बिगड़ने से रोकती थी.
 
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पिछले तकरीबन दो दशक में जो कांग्रेस हमारे सामने आई है उसकी सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उसके पास संकट से निपटने की ऐसी व्यवस्थाएं नहीं हैं. यही वजह है कि संकट दर संकट कांग्रेस सिमटती गई है.
 
ऐसी व्यवस्था को तुरंत बनाने और सक्रिय करने की सबसे बड़ी जरूरत इस समय है. अगर यह नहीं हुआ तो भारत जोड़ो यात्रा ने अभी तक जो पुण्य लाभ कमाया है वह मिट्टी में भी मिल सकता है. 
 
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं.