मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
हम में से अधिकतर लोगों ने बचपन में साइकिलें जरूर चलाई होंगी. कुछ लोग अभी भी साइकिल चलाने की हसरत रखते हैं लेकिन ट्रैफिक की धक्का-मुक्की में ऐसा करना बड़े शहरों में अगर मुमकिन हो भी तो सुरक्षित नहीं है.
दिल्ली एनसीआर में ही कई जगहों पर साइकिल ट्रैक बनाए गए, पर उनका हश्र क्या हुआ है इस पर कई खबरें आ चुकी हैं.
बेशक, साइकिल चलाने और उसके सीखने के एडवेंचर के किस्से हम सबके पास होंगे. कुछ बच्चे तो इसके फ्रेम में पैर देकर हाफ पैडल साइकिलें भी चलाते थे.
साइकिल का सफर न सिर्फ सस्ता है बल्कि सेहतमंद भी. आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया में इस वक्त 100 करोड़ से अधिक साइकिलें मौजूद हैं. आखिर, सहज और सुगम होने की वजह से भारत जैसे देश में आम आदमी की सवारी साइकिल ही है. देश के हर घर में तकरीबन एक साइकिल तो रही ही है. इस समय, 2022 में देश के आधे घरों में एक साइकिल मौजूद है. हालांकि, समय के साथ साइकिलों के चलन में थोड़ी कमी जरूर दर्ज की गई है. लेकिन साइकिलें फिजिकल फिटनेस के लिए काफी प्रचलित भी हो रही हैं.
हिंदी अखबार दैनिक भास्कर ने एक खबर में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के हवाले से आंकड़ा दिया है. इसके मुताबिक देश में सबसे अधिक साइकिलें पश्चिम बंगाल में हैं. पूरे देश में 52.1 फीसद घरों में साइकिलें हैं और अच्छी बात यह है कि 2018 की तुलना में इसमें 1.6 फीसद का इजाफा हुआ है.
पश्चिम बंगाल के 79 फीसद घरों में, उत्तर प्रदेश में 75.6 फीसद, ओडिशा के 72.5 फीसद और छत्तीसगढ़ में 70 फीसद से अधिक घरों में साइकिल मौजूद है.
अगर पूरे दुनिया की बात की जाए तो चीन में सबसे अधिक साइकिलें हैं. चीन में करीब 52 करोड़ साइकिलें हैं. भारत में यह संख्या करीबन 30 करोड़ है. अमेरिका में 10 करोड़ और ब्रिटेन में 2 करोड़ साइकिलें हैं.
दुनिया भर में हर साल करीबन 10 करोड़ साइकिलें बनती हैं और इस साल अब तब 6.4 करोड़ साइकिलों की मैन्युफैक्चरिंग हो चुकी है.
हालांकि, साइकिल चलाना बढ़ते शहरीकरण और ट्रैफिक की धक्का-मुक्की की वजह से बहुत सुरक्षित नहीं रहा है. खराब सड़कों और सिविक सेंस की कमी की वजह से साइकिल सवारों के अमूमन दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है. दैनिक भास्कर के मुताबिक, अभी भी देश में हर साल 1.3 लाख लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो रही है. मरने वालों में 4,167 लोग साइकिल सवार थे. इसका अर्थ है कि रोजाना औसतन 11 साइकिल सवारों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है.