मुकुंद मिश्रा /लखनऊ
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया का लखनऊ में शुरू हुआ दो दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन तालिबान का मुद्दा छाया रहा. चारबाग स्थित एक होटल में आयोजित अधिवेशन के पहले दिन अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सामने आ रही मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं पर चिता प्रकट की गई. इस अधिवेशन में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, सुन्नी वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर भी चर्चा हुई .
अधिवेशन में देशभर के सूफी सज्जादानशीन समेत एमपीएलबीआई ओहदेदार शिरकत कर रहे हैं. यह अधिवेशन 24 अगस्त को भी जारी रहेगा. एमपीएलबीआई अध्यक्ष कारी युसूफ आजिजी ने बताया कि हम इस लोकतांत्रिक मुल्क में जम्हूरियत के लिए काम करेंगे.
उन्होंने कहा कि महिलाओं का तीन तलाक का मुद्दा हो या वक्फ संपत्तियों समेत तमाम मसलों को अपने मुद्दों में शामिल रखेंगे. कारी युसुफ ने कहा कि सोमवार को पहले दिन अधिवेशन तीन घंटे चला. आगे अभी और बैठकें होंगी. एमपीएलबीआई आंध्रप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सूफी अल्ताफ रजा ने कहा कि हिंदुस्तान में सभी धर्मों के लोग रहते हैं. हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी एक हैं और मिलजुलकर रहते है. यहां कट्टरपंथी विचारधारा और तालिबानी विचारधारा से सहमत नहीं है.
कर्नाटक के सूफी मौलाना तनवीर हाशमी ने कहा कि हम लोग सभी धर्मों में सद्भावना के लिए संवाद, समन्वय का अभियान शुरू करेंगे. यहां डॉ. मुईन अहमद, अमीर हमजा रजवी, कारी चिरगुद्दीन, डॉ. जहीरुद्दीन रजवी, मोहम्मद आमिर सिद्दीकी, शफीक अहमद, सैय्यद मेहंदी, हाजी खलील फरीदी आदि मौजूद रहे.
अधिवेशन में अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चिंता प्रकट की गई. साथ ही कहा गया कि कब्जे के बाद मानवाधिकारों के उल्लंघन की जो खबरें आ रही हैं, तालिबानियों को उसपर रोक लगाना चाहिए. ऐसा नहीं करने से उनकी छवि को और नुक्सान पहुंचेगा तथा विश्व बिरादरी उनकी कही बातों पर यकीन नहीं करेगी.