राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-कासरगोड
एक प्रशंसनीय पहले के तहत इस उत्तरी केरल जिले के एक गांव में एक महल (मस्जिद) समिति ने अपने समुदाय के उन सदस्यों को निष्कासित या किनारे करने का फैसला किया है, जो नशीली दवाओं से संबंधित गतिविधियों में शामिल हैं. पडन्नक्कड जमात समिति के साहसिक निर्णय का पुलिस ने स्वागत किया है और एक वरिष्ठ अधिकारी ने मॉडल पहल को समर्थन देने के लिए उनसे मुलाकात की है.
मस्जिद समिति के एक सदस्य ने कहा कि जब तक समिति आश्वस्त नहीं हो जाती कि उन्होंने अपनी गलती को सुधार लिया है, तब तक उन्हें कम्युनिटी में वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि वे शुरू में उन चुनिंदा परिवारों के बीच जागरूकता अभियान चलाएंगे, जो उनकी मस्जिद का हिस्सा हैं.
कन्हांगड के डीएसपी पी बालकृष्णन नायर ने कहा कि पुलिस पहले से ही इलाके में नशीली दवाओं से संबंधित गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न अभियान और उपाय कर रही है और पडन्नक्कड़ जमात समिति का यह कदम सही दिशा में एक कदम है.
उन्होंने कहा कि जो लोग दरकिनार किए गए हैं, वे सामुदायिक गतिविधियों में भाग नहीं ले पाएंगे या शादी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बाद में समिति के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि अन्य लोग भी उनके साथ बातचीत करना बंद कर देंगे.
अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में ऐसी कई अन्य समितियां थीं, लेकिन वे प्रतिक्रिया के डर से ऐसा कदम उठाने से डरती थीं. हालांकि, अब उन्हें पद्ननक्कड़ जमात समिति के नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पडन्नक्कड़ जमात समिति को पुलिस का पूरा समर्थन मिलेगा.