आश्चर्यः खाने काबा और मस्जिद-ए-नबवी में रोजाना इस्तेमाल हो रहा 70 हजार लीटर सैनेटाइजर और 1500 लीटर इत्र
मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली / रियाद
है न आश्चर्यजनक ! कोरोना को लेकर जब देश-दुनिया में हाहाकार मचा है, ऐसे में रमजान के दिनों में हज के लिए मक्का में जुटे लोगों के बीच से ऐसी खबरें न के बराबर आ रही हैं. जानते हैं क्यों ? क्योंकि वहां कोरोना से बचाव के लिए ऐसे-ऐसे तरीके अपनाए जा रहे कि सुनकर आश्चर्य से लोग दांतों तले उंलियां दबा ले रहे हैं.
जानकर ताजुब होगा कि हाजियों, खाने काबा, मस्जिद-ए-नबवी और अल-हरम मस्जिद को कोरोना से दूर रखने के लिए रोजाना 70,000 लीटर से अधिक सैनेटाइजर का इस्तेमाल किया जा रहा है. यही नहीं सैनेटाइजर से उठने वाली बदबू को दबानके लिए प्रतिदिन 1500 लीटर इत्र का छिड़काव हो रहा है.
खाने काबा, इससे लगी मस्जिद अल-हरम और मस्जिद-ए-नबवी फिल्हाल दुनिया के इकलौता धर्मस्थल हैं, जहां इतने बड़े पैमाने पर रोजाना सैनेटाइजेशन का काम हो रहा है. यही नहीं खाने काबा और इसकी ग्रैंड मस्जिद को डिसइंफेक्ट करने के लिए और भी बहुत सारे तरीके आजमाए जा रहे हैं.
हाजियों को कोरोना को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो इसके तईं हज प्रशासन ने व्यापक व्यवस्था की है. हाजियों की संख्या सीमित कर दी गई है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क, कोविड गाइड लाइन और सैनेटाइजेशन के नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. बिना वैक्सीनेशन के यहां हाजियों को आने की अनुमति नहीं.
जानकारी के अनुसार,कीटाणुनाशकों के छिड़काव के तुरंत बाद, खाने काबा में इत्र की फुहार बरसाई जाती है. इसके लिए रोजाना आला दर्जे के 1,500 लीटर सुगंधित इत्र का इस्तेमाल किया जा रहा है.
कोरोना पीरियड में हाजियों की कम संख्या होने के बावजूद खाने काबा एवं अल-हरम व मस्जिद-ए-नबवी में 3,000 कचरे के डिब्बे रखे गए हैं. यही नहीं, ग्रैंड मस्जिद और काबा परिसर को 24 घंटे में 10 बार धोया जा रहा है. सफाई के लिए 4000 से अधिक कर्मी लगाए गए हैं
गैंड मस्जिद और खाने काबा परिसर की सफाई और सैनेटाइजेशन की व्यवस्था पर नजर रखने के लिए 200 से अधिक पर्यवेक्षक तैनाए किए गए हैं. रमजान के पहले दस दिनों में 1.5 मिलियन हाजी ग्रैंड मस्जिद और खाने काबा आए, जबकि रमजान के आखिरी दस दिनों में भीड़ पहले की तुलना में कुछ ज्यादा बढ़ गई है.