इल्म की दुनियाः इंजीनियरिंग की शाखा स्टैटिक्स के जनक थे थैबिट इब्न कुर्रा

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] • 2 Years ago
थैबिट थे स्टैटिक्स के जनक
थैबिट थे स्टैटिक्स के जनक

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

बगदाद वाकई पिछली सहस्राब्दी में ज्ञान-विज्ञान का केंद्र था. जहां आसपास के इलाकों (देशों) के बौद्धिकों का जमावड़ा होता था. उन्हीं में से एक थे अल-सबी ताबैत इब्न कूरा अल-इरानी जिनको लैटिन में थेबिट के नाम से भी जाना जाता है. वह एक सीरियाई अरब थे और जिनकी गणित, चिकित्सा और खगोलविज्ञान में जबरदस्त पकड़ थी और वह नवीं सदी में अब्बासी खलीफा के दौर में बगदाद में रहते थे.

थैब इब्न कुर्राह ने बीजगणित, ज्यामिति और खगोल विज्ञान में महत्वपूर्ण खोजें की. खगोल विज्ञान में, थैबिट को टॉलेमी प्रणाली को सुधारने वाले पहले वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है. और इंजीनियरिंग की यांत्रिकी (मैकेनिक्स) में उन्हें स्टैटिक्स का संस्थापक माना जाता है. स्टैटिक्स इंजीनियिरिंग की वह शाखा है जो भार का विश्लेषण करती है.

थैबिट, हाराँ में बसे हुए एक कुलीन परिवार में पैदा हुआ था और हाराँ उन दिनों सेमेटिक खगोल विज्ञान के अध्ययन का प्रमुख केंद्र था. थैबिट जिस हेलनाइज़्ड सेमिटिक खगोलीय पंथ का सदस्य था (सैबियन पंथ) कहा जाता था, जो सितारों की पूजा करते थे. हारां का उस वक्त तक पूरी तरह इस्लामीकरण नहीं हुआ था और थैबिट भी बगदाद जाने से पहले हारां के बाजार में मुद्राएं बदलने का पेशा करता था. बहरहाल, इनसाइक्लोपेडिया ब्रिटैनिका के मुताबिक, थैबिट बगदाद गया तो वहां उसने बानू मूसा नाम के तीन भाइयों के यहां नौकरी कर ली और उसका काम ग्रीक गणितीय लेखों का अरबी में अनुवाद करना था. उसने बानू मूसा के लिए यूक्लिड, आर्कमिडीज, अपोलोनियस और टॉलेमी के लेखों का अनुवाद किया. इसके साथ ही थैबिट ने अरस्तू के दर्शन और गैलन ऑफ पर्गैमम और हिप्पोक्रेटस जैसे चिकित्साविज्ञानियों के काम का भी अनुवाद किया.

जल्दी ही, थैबिट ने ज्यामिति, स्टैटिक्स, जादुई वर्गों, संख्याओं के सिद्धांत, संगीत, खगोलशास्त्र, चिकित्सा और दर्शन पर अपने मौलिक विचार भी लिख डाले. मोहम्मद इब्न मूसा इब्न शाकिर (मूसा बानू के तीन भाइयों के पिता) के प्रभाव से थैबिट बाद में अब्बासी खलीफा अल-मुत्ताहिद (892-902) के दरबार का दरबारी खगोलविज्ञानी बन गया.

अपोलोनियस के काम का थैबिट द्वारा अनुवाद (फोटो सौजन्यः विकिमीडिया)

गणित में, थैबिट ने संगत संख्या (एमिकेबल नंबर्स) निर्धारित करने के लिए एक समीकरण की खोज की. उन्होंने संख्याओं के सिद्धांत पर भी लिखा, और ज्यामितीय मात्राओं के बीच अनुपात का वर्णन करने के लिए उनके उपयोग को बढ़ाया. यह ऐसा काम था जो यूनानी नहीं कर पाए थे.

भौतिकी में, थैबिट ने हर तत्व के लिए प्राकृतिक स्थान के पेरिपेट तथा अरस्तू की धारणाओं को खारिज कर दिया. इसकी बजाए, उन्होंने गति का सिद्धांत पेश किया जिसमें उर्ध्वाधर तथा नीचे की ओर, दोनों तरह की गतियां वजन की वजह से होती हैं. थैबिट ने यह भी कहा कि ब्रह्मांड दो प्रतिस्पर्धी आकर्षणों (प्रत्याकर्षण या जध्ब) की वजह से अस्तित्व में आया है. इंजीनियरिंग की मैकेनिक्स शाखा में उन्होंने स्टैटिक्स के अध्ययन की शुरुआत की. उन्होंने ही लीवर के नियम के साक्ष्य प्रस्तुत किए जो कि अरस्तू तथा आर्कमिडीज के डायनेमिक्स तथा मैकेनिक्स के विचारों को मिलाकर बनाया गया था.

थैबिट के बहुत सारे काम का बाद में लैटिन और हिब्रू में अनुवाद हुआ और वह लैटिन दुनिया में प्रभावशाली नाम बन गए. उनके एक बेटे सिना इब्न थैबिट मशहूर चिकित्सक बने और वह बगदाद के एक अस्पताल के प्रमुख भी थे. थैबिट के पोते, इब्राहिम इब्न सीना गणितज्ञ के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर हुए.

 

(यह आलेख इल्म की दुनिया सीरीज का हिस्सा है)

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