मोहम्मद अकरम / हैदराबाद
पड़ोसी प्रदेश कर्नाटक में जब हिजाब पर विवाद छिड़ा है, ऐसे में तमिलनाडु से एक अच्छी खबर आई है. दरअसाल, यह खबर उनके लिए संकेत है जो हिजाब मामले को इस तरह पेश कर रहे हैं जैसे यह पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है या महिलाएं हिजाब बनकर निकलेंगी तो व्यवस्था पर असर पड़ेगा. दरअसाल, तमिलनाडु से खबर है कि यहां के स्थानीय निकाय चुनाव में मतदाताओं ने दो दर्जन से अधिक हिजाबी महिलाओं को अपने क्षेत्र का प्रतिनिधि चुना है.
तमिलनाडु की यह दो दर्जन हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाएं स्थानीय निकाय चुनाव जीत कर अब अपने इलाके के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाएंगी.अधिकांश हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाएं मिश्रित आबादी वाले वार्डों से चुनी गईं.तमिलनाडु के मतदाताओं ने उन्हें चुन कर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की सदस्य फातिमा मुजफ्फर अहमद
चुनाव जीतने वालों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की सदस्य फातिमा मुजफ्फर अहमद भी हैं. उन्होंने हिजाब पहन कर न केवल चुनाव प्रचार किया, जीत भी दर्ज की.डीएमके और सेक्युलर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव अलायंस के साथ गठबंधन में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाली फातिमा ने भारी अंतर से जीत हासिल की.
वह कहती हैं,‘‘ अल्लाह की मेहरबानी से उन्हें यह गौरव हासिल हुआ है. अल्लाह ने मुझे बड़ी सफलता का आशीर्वाद दिया है.‘‘ उन्होंने पत्रकारों को एक व्हाट्सएप संदेश में कहा, ‘‘सभी प्रशंसा सर्वशक्तिमान की है.‘‘
एग्मोर वार्ड से उनके खिलाफ लड़ने वाले भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा एडीएमके पार्षद समेत सभी 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और उसके राजनीतिक सहयोगियों के नेतृत्व वाली द्रमुक ने स्थानीय निकाय चुनावों में जीत हासिल की.
आईयूएमएल ने 55 वर्षों के बाद चेन्नई में नगरपालिका चुनाव लड़ा और भारी जीत दर्ज की.एक अन्य हिजाब पहने मुस्लिम उम्मीदवार अलीमा बेगम, जिन्होंने सोशल एंड डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के टिकट पर चुनाव लड़ा, कोयंबटूर नगर निगम से जीतीं हैं.
बता दें कि 21 नगर निगमों, 138 नगर पालिकाओं और 490 पंचायतों में 12,607 सीटों के लिए चुनाव हुए थे. 12,607 सीटों में से 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. इनमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने जीत दर्ज की है, जिनमें दो दर्जन से अधिक हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाएं हैं.