मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली
भारत में विज्ञापनों की दुनिया में भी पिछले 75 साल में बहुत सारे बदलाव आए हैं. पिछले 75 साल में देश की अर्थव्यवस्था और समाज दोनोंं में आमूलचूल बदलाव आए हैं और इस वजह से विज्ञापनों में भी यह परिवर्तन साफ दिखता है.
गोदरेज का तिजोरी बनाने का विज्ञापन, 1944 (फोटो सौजन्यः सोशल मीडिया)
लोहे की आलमारी बनाने वाली कंपनी गोदरेज का यह विज्ञापन 1944 में आया था. जिसमें दावा किया गया था कि सिर्फ कील और हथौड़ों से तिजोरियां नहीं बनती.
लक्स का विज्ञापन ऐसा है जिसमें बॉलीवुड के लगभग सभी बड़ी नायिकाएं और शाहरुख खान तक आ चुके हैं. लेकिन लक्स के विज्ञापन में नमूदार होने वाली पहली हीरोइन थी लीला चिटनिस. उनका यह विज्ञापन 1941 में आया था और इसमें लीला चिटनिस बता रही हैं कि उनके सौंदर्य का राज क्या है.
एयर इंडिया के मशहूर महाराजा, जिसे ऐडमैन बॉबी कूका ने 1946 में रचा था, और पहले विमान के भीतर मेमो पर छापने के लिए बनाया गया था. लेकिन वक्त के साथ यह पूरे ब्रांड एयर इंडिया का मस्कट बन गया.
देश के आजादी के समय चाय के विज्ञापन में बताया गया कि चाय भी स्वदेशी है. विज्ञापन 1947 में आया था और इसमें चाय के कप के साथ चरखा भी बना था.
बर्मा शेल तेल की कंपनी थी और उसका 1941 का विज्ञापन, जो अखबारों में छपता था.
हिमालयन नाइट सर्विस फ्लाइट्स का विज्ञापन 1949
रैक्सोना साबुन का विज्ञापन 1949
फिएट के प्लाइमाउथ कार, जो बाद में पद्मिनी के रूप में लॉन्च हुई. उसका यह विज्ञापन भारतीय अखबारों में 1940 में प्रकाशित हुआ था
1947 में भारतीय पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाले कोल्ड क्रीम और मॉइस्चराइजर का विज्ञापन
आजादी के ठीक बाद पारले जी बिस्कुट ने देश का अभिनंदन करते हुए 1947 में ऐसे विज्ञापन दिए थे.
(सभी तस्वीरों का सौजन्य oldindianads.com है)