रक्षाबंधनः मेरे भइया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 22-08-2021
फिल्मों में रक्षाबंधन
फिल्मों में रक्षाबंधन

 

आवाज- द वॉयस/ नई दिल्ली

हिंदुस्तानी सिनेमा की खासियत है इसमें गुंथे गीत. आजकल का ताजा चलन छोड़ दीजिए तो हिंदी फिल्मों की कल्पना भी बिना गानों के नहीं की जा सकती है. और फिल्मों में गाने हो भी क्यों न, आखिर, भारत में बच्चा पैदा लेने से लेकर किसी की मौत तक, मुंडन, जनेऊ, ब्याह, लड़की विदाई से लेकर खेत जोतने, बुआई और कटाई, खुशी और गमी, हर मौके के लिए गीत हैं. तो फिल्में जब समाज का दर्पण हैं तो फिर समाज का अक्स गाना फिल्मों में कैसे नहीं दिखेगा.

इस साल जबकि रक्षा बंधन 23 अगस्त को है, तो यह जानना दिलचस्प होगा कि इस त्योहार को लेकर कैसे-कैसे गाने फिल्मों में आए हैं. हिंदुस्तानी फिल्मों में से रक्षा बंधन से जुड़े हर गाने को यहां समेटना मुश्किल होगा, फिर भी हम उन आला गानों को यहां पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, जो अपने जमाने में हिट रहे और आज भी बहुत लोकप्रिय हैं.

हिंदी फिल्मों के ऐसे कई सदाबहार गाने हैं जो हर साल रक्षाबंधन के अवसर पर बहनों की जुबान पर आ ही जाते हैं. इन में से पहला गाना तो बेशक है, भईया मेरे राखी के बंधन को निभाना..

यह गाना फिल्म ‘छोटी बहन’ का है जो 1959में रिलीज हुई थी. इस गाने को सुनकर छोटी बहन और बड़े भैया के बीच का मिठास भरा रिश्ता हर कोई महसूस कर सकता है.

इस गाने को नंदा, बलराज साहनी और रहमान पर फिल्माया गया था. यह गाना लता मंगेशकर ने गाया था और इसका संगीत दिया था शंकर-जयकिशन ने.

इसी तरह, रेशम की डोरी (1974) फिल्म का गीत ‘बहना ने भाई की कलाई से’ बेहद हिट रहा और आज भी रक्षाबंधन के अवसर पर सुना जाता है. सुमन कल्याणपुर का गाया यह गीत भाई बहन के रिश्ते पर शानदार गानो में शुमार किया जाता है.

1971में रिलीज फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ में भाई-बहन की भूमिका में थे देवानन्द और जीनत अमान. फिल्म का गीत ‘फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है’ आज भी सदाबहार गीतों में शामिल है. इस गीत को सुनकर अक्सर भाई और बहन की आंखों में आंसू आ जाते हैं

निर्माता-निर्देशक ए. भीम सिंह ने भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित दो फिल्में ‘राखी’ और ‘भाई-बहन’ बनाई थी. इनमें से राखी 1962में रिलीज हुई जिसमें अशोक कुमार और वहीदा रहमान ने भाई-बहन की भूमिका निभाई थी. वर्ष 1968में प्रदर्शित भाई-बहन में सुनील दत्त और नूतन मुख्य भूमिकाओ में थे.

इसी दौर में अनपढ़ (1962) और काजल फिल्में भी रिलीज हुई थीं. इन दोनों ही फिल्मों में भाई-बहन के प्रेम पर दो उम्दा गीत थे. इनमें ‘अनपढ़’ का माला सिन्हा पर लता मंगेशकर की आवाज में फिल्माया गीत ‘रंग-बिरंगी राखी लेकर आई बहना’ आज भी दर्शकों और श्रोताओं को अभिभूत कर देता है . फिल्म में बलराज साहनी भाई की भूमिका में थे.

फिल्म ‘काजल’ में मीना कुमारी पर बेहद खूबसूरत गीत ‘मेरे भइया मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन’ का फिल्मांकन किया गया था. रवि के संगीत निर्देशन में इस गीत को आशा भोसले ने स्वर दिया था.

बिमल राय की ‘बंदिनी’ में भी एक बेहद मार्मिक गीत था, जिसमें बहन अपने पिता से भाई को सावन में भेजने का अनुरोध करती है, ‘अब के बरस भेज भइया को बाबुल सावन में दीजो बुलाय रे’. बहन की व्यथा को बतलाने वाले शैलेन्द्र के लिखे और एसडी बर्मन के स्वरबद्ध किए इस गीत को भी आशा भोसले ने अपना कर्णप्रिय स्वर दिया था.

इसी तरह फिल्म बेइमान का ‘ये राखी बंधन है ऐसा’, सच्चा झूठा का ‘मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनियां’, चम्बल की कसम का ‘चंदा रे मेरे भइया से कहना’, प्यारी बहना का ‘राखी के दिन’, हम साथ साथ है का ‘छोटे छोटे भाइयो के’, तिरंगा का ‘इसे समझो न रेशम का तार’, रिश्ता कागज का ‘ये राखी की लाज तेरा भइया निभाएगा’ आदि गीत भी काफी लोकप्रिय हुए.