- 2.780 ग्राम की छोटी कुरआन को 39 साल से संभाल रखा है सहगल परिवार ने
शाहनवाज आलम / पानीपत
हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर इंसानों को बांटने वाले लोगों को हरियाणा के पानीपत के सहगल परिवार से सीख लेने की जरूरत है. हिन्दू देवी-देवताओं पर विश्वास रखने वाले सहगल परिवार के मुखिया राजकुमार सहगल को खुदा और पीर-फकीरों पर भी आस्था है और उसी आस्था का नतीजा है कि उन्होंने अरब मुल्क से आए दो शेखों से 39 साल पहले मिली छोटी कुरआन (कुरान) को अब तक संभाल कर रखा हुआ है.राजकुमार सहगल शीतला माता के पक्के भक्त हैं. वह गुरूग्राम के शीतला माता मंदिर के दर्शन करने लगभग हर महीने जाते हैं.
सहगल का दावा है कि यह दुनिया की छोटी कुरआन में से एक है. 572 पेज वाली इस कुरआन में 30 पारे अरबी में हैं. कुरान का वजन 2.780 ग्राम, लंबाई 2.8 सेंटीमीटर, चौड़ाई 2 सेंटीमीटर और मोटाई 1.7 सेंटीमीटर है. अभी तक हरियाणा में इससे छोटी कुरआन को लेकर किसी अन्य ने दावा नहीं किया है.
पेशे से जौहरी सहगल कहते हैं कि पहले तो मुझे इसकी अजमत (वैभव) का इल्म नहीं था, बाद में कुरान के बारे में पढ़ा और कुछ दोस्तों से सुना, तो मैं अपने आपको खुशकिस्मत समझता हूं कि यह कुरआन मेरे पास है. वह कुरआन का बहुत एहतराम करते हैं. उनके लिए अब यह सबसे अनमोल रत्न है. जब लोग इसे दुकान पर देखने आते हैं, तो उसे दुकान पर दिखाने के बाद लॉकर में रख देते हैं. दिल्ली, अजमेर और हरियाणा के कई शहरों से लोग देखने आते हैं.
कुरआन मिलने की घटना का जिक्र करते हुए बताते है, यह बात साल 1982 की है. हजरत बू अली शाह कलंदर की मजार पर दो अरबियन शेख अपनी अकीदत पेश करने आए थे. उनके पास यह दो छोटी कुरआन थीं. एक कुरआन को चांदी की ताबीज की शक्ल में बनवाना चाहते थे, लेकिन उस दिन छुट्टी थी और बाजार बंद था.
केवल उन्हीं की दुकान खुली हुई थी, लेकिन उनके पास भी कोई माकूल मशीन नहीं थी. पहले तो उन्हें मना कर दिया, लेकिन बाद में शेख के विशेष आग्रह पर चार घंटे की मेहनत कर एक कुरआन के लिए चांदी का ताबीजनुमा खोल बना दिया. इससे खुश होकर वह अधिक पैसा देने लगे, लेकिन अधिक पैसा लेना मुनासिब नहीं लगा और मना कर दिया. इससे खुश होकर उन्होंने यह कुरआन भेंट दी थी, जिसने मुझे देश-दुनिया में नाम, शोहरत और एक अलग रूतबा दिया.
बकौल सहगल, कुरआन मिलने के बाद से उनकी तकदीर बदल गई. पहले उनके घर में फाकाकसी की नौबत थी, लेकिन कुरान की बरकत से उनकी आमदनी में इतना इजाफा हुआ कि एक आलीशान घर बनाया और एक बेटा और दो बेटियों की अच्छी तरह से शादी की और दुकान भी अच्छा चलता है.