मुंबई: रमजान बाजार में दो साल बाद लौटी रौनक

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-04-2022
मुंबई: रमजान बाजार में दो साल बाद लौटी रौनक
मुंबई: रमजान बाजार में दो साल बाद लौटी रौनक

 

मुंबई. मुंबई का प्रसिद्ध रमजान बाजार दो साल के बाद फिर से गुलजार होने के लिए तैयार है. मोहम्मद अली रोड, मीनारा मस्जिद और उसके आसपास के इलाकों में फैला यह बाजार इस मुबारक मौके पर ग्राहकों को नई-नई डिश पेश करने की सारी तैयारियां पूरी कर चुका है.


कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पिछले दो साल से यह बाजार बंद था, लेकिन राज्य की महा विकास अघाड़ी सरकार ने इस महीने से सारे प्रतिबंध हटा दिए हैं.

 

प्रतिबंधों के हटते ही बाजार अपने ग्राहकों के लिए पूरी तरह तैयार हो गया है. यहां रमजान के दौरान कई नई डिशें परोसी जाती हैं और रमजान रविवार/सोमवार से शुरू हो गया है.

 

मोहम्मद अली रोड, मीनारा मस्जिद, भिंडी बाजार और अन्य गलियों में फैले बाजार में हर दिन लगभग 40,000 लोग आते हैं और सप्ताहांत पर इनकी संख्या एक लाख तक हो जाती है. यहां पेश किए जाने वाले व्यंजनों में से 90 प्रतिशत व्यंजन मांसाहारी होते हैं.

 

स्थानीय कांग्रेस विधायक अमीन पटेल करीब 250 साल पुराने फूड बाजार के पुनरुद्धार के अगुवा हैं.

 

पटेल ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने सभी हितधारकों से मुलाकात करके कोरोना संबंधी सभी नियमों का सख्ती से पालन करने का अनुरोध किया है.

 

दशकों पुराने ऐतिहासिक 'माशाअल्लाह कुजिन' के मालिक अब्दुल्ला रहमान खान ने कहा, "हम अपने ग्राहकों के लिए रेड कार्पेट बिछाकर तैयार हैं, जिनकी कमी हम पिछले दो साल से महसूस कर रहे हैं."

 

खान ने बताया कि इस साल शाकाहारी, मांसाहारी, मीठे और स्नैक्स की कई नई किस्मों को पेश किया जाएगा.

 

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर मोहसिन शेख, जो 100 साल पुराना पारिवारिक व्यवसाय 'मीनारा पान शॉप' चलाते हैं, उन्हें उम्मीद है कि रमजान बाजार के फिर से खुलने से उन लाखों परिवारों के अच्छे दिनों की शुरुआत होगी, जो आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं. उनकी शॉप 50 से अधिक किस्म के तंबाकू रहित पान पेश के लिए जानी जाती है.

 

नागपाड़ा के रहने वाले वयोवृद्ध उर्दू लेखक एजाज ए. अंसारी ने कहा कि रमजान बाजार का इतिहास मीनारा मस्जिद से जुड़ा हुआ है, जहां यह शुरू हुआ था. शुरुआत में केवल कुछ छोटे स्टॉल थे, लेकिन धीरे-धीरे यह फैलता चला गया.

 

उन्होंने कहा कि पिछले छह-सात दशक में बाजार ने अपनी व्यापक खाद्य विविधता, अद्वितीय शैली, बेजोड़ स्वाद के दम पर पूरे देश के साथ ही विदेश के खाद्य-प्रेमियों को भी आकर्षित किया है.

 

उन्होंने बताया कि यहां आने वाली भीड़ में करीब 25 प्रतिशत मुस्लिम होते हैं और 60 प्रतिशत गैर मुस्लिम, जबकि शेष पर्यटक या विदेशी होते हैं.

 

खान ने बताया कि कुछ व्यंजन विशेष रूप से रमजान के दौरान ही यहां तैयार किए जाते हैं या उपलब्ध होते हैं, जिनमें से कई 'गुप्त पारिवारिक व्यंजन' होते हैं.

 

उन्होंने बताया कि मुख्य बाजार मीनारा मस्जिद के हर तरफ लगभग एक किलोमीटर तक फैला हुआ है. उसके बाद लगे स्टॉल रमजान की मांग को पूरा करने के लिए लगाए जाते हैं. मुख्य बाजार में लगभग 100 से अधिक फूड स्टॉल हैं. इसके अलावा 400 स्टॉल और लगाए जाते हैं.

 

भोपाल के जावेद मखदूम ने कहा, "यहां मुख्य रूप से मुगलई व्यंजन का ही दबदबा है और हमारे पास लखनऊ के विशेष 'विजिटिंग' बिरयानी शेफ, दिल्ली के निहारी मास्टर, बहराइच (यूपी) के तवा एक्सपर्ट, ग्रेवी मास्टर्स और ऐसे ही अन्य एक्सपर्ट हैं."

 

खान ने कहा, "आमतौर पर प्रत्येक व्यक्ति के भोजन का खर्च यहां लगभग 500-800 रुपया है तो इससे यहां के कारोबार को जान लीजिए. हजारों परिवार केवल रमजान के महीने में काम करते हैं और शेष 11 महीनों में आराम से बसर करते हैं. यह मीनारा मस्जिद की 'बरकत' है."

 

संजय दत्त, सलमान खान, सुनील शेट्टी, कैटरीना कैफ, महेश भट्ट, आलिया भट्ट, आयशा टाकिया, रेमो डिसूजा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी यहां परोसी जाने वाली डिशों के मुरीद हैं.

 

लेकिन स्थानीय रेस्तरां इन सितारों की उपस्थिति को पूरे कारोबारी माहौल के लिए बाधा मानते हैं और इसी कारण सेलेब्रेटी चुपचाप पार्सल लेना पसंद करते हैं.