मोहम्मद अकरम/ हैदराबाद / तिरुवनंतपुरम
इस पांडुलिपि को साधारण पेंसिल और ग्लिटर पेंसिलों का प्रयोग करके स्केच पेपर पर तैयार किया गया है, जो बहुत ही खूबसूरत और हैरतअंगेज है. कुरान को लिखते समय फातिमा ने बहुत सावधानी बरती है, एक-एक शब्द को कई बार पढ़ा गया. लिखनेमें किसी तरह की कोई गलती न हो इसके लिए फातिमा शेहाब ने संयम से एक-एक आयत को एहतियात से उकेरा है.
कुरान के 607पृष्ठ है, जिसमे शब्दों, पंक्तियों में कोई गलती नहीं है.एक-एक सूरह को लिखने के बाद कई बार उसे बारीकी से देखा गया है, ताकि पवित्र कुरान में किसी तरह की गलती न हो.फातिमा शेहाब फिलहाल +2की छात्रा हैं और इंटीरियर डिजाइनिंग की पढ़ाई कर रही हैं. फातिमा के पिता ओमान मे नौकरी करते हैं.
इससे पहले भी फातिमा हाथ से कुरान की सूरह फातिहा, आयतल कुर्सी और सुरतुल कौसर लिख चुकी हैं. हस्तलिखित कुरान को 420दिन में पूरा करने वाली फातिमा शेहाब कहती है, ''आज मुझे बहुत खुशी है कि मैने घरवालों के सपोर्ट से पवित्र कुरान को लिखा है. हर रोज़ दिन भर में तीन से चार घंटे लिखती थीं,लॉकडाउन मे घर पर रहने के कारण मुझे लिखने के लिए काफ़ी वक्त मिला.''
वह कहती हैं, ''यह मेरे लिए खजाने के जैसा है. लेकिन उसकी कॉपी कोई और भी चाहे तो इस्तेमाल कर सकता है.”
उनके इस काम को पूरा करने में उनके माता-पिता और बहन सफा, भाई मोहम्मद का सहयोग रहा है.अपनी बेटी के इस काम से मां नादिया बेहद खुश हैं.वह कहती हैं कि ये अल्लाहताला के करम से हो पाया है.
हस्तलिखित कुरान पर पूरी दुनिया के मुसलमान फातिमा शेहाब को बधाई दे रहे हैं, सोशल मीडिया पर देश और विदेश के यूजर कुरान शरीफ की तस्वीर को खूब वायरल कर रहे हैं.