जम्मू-कश्मीरः शिव मंदिर तक मूर्तियां पहुंचाने को आगे आए 150 मुसलमान

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-08-2022
जम्मू-कश्मीरः शिव मंदिर तक मूर्तियां पहुंचाने को आगे आए 150 मुसलमान
जम्मू-कश्मीरः शिव मंदिर तक मूर्तियां पहुंचाने को आगे आए 150 मुसलमान

 

आवाज द वॉयस /डोडा

कश्मीर में तमाम हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं के बावजूद यहां के सांप्रदायिक सौहार्द की मजबूत नींव नहीं हिल पाई है. घाटी में आज भी कई जगहों पर मंदिरों के रख-रखाव की जिम्मेदारी मुस्लिम संभाल रहे हैं, वहीं ताजा घटना डोडा से सामने आई है. मुसलमानों के प्रयासों से एक भारी-भरकम मूर्ति को ऊंची पहाड़ी पर स्थित षिव मंदिर में पहुंचाया गया.

रिपोर्टों के अनुसार, यहां के मुसलमानों ने 700किलो वजन की मूर्तियों को ऊंचे स्थान पर स्थित मंदिर में ले जाने की जिम्मेदारी ली. मूर्तियां भारी थीं कि वहां मौजूद हिंदू भाई उसे अपने स्तर से उठाकर मंदिर तक नहीं ले जा सकते थे. इसकी जानकारी जब स्थानीय मुसलमानों को हुई तो वे मदद के लिए आगे आए. इसके बाद उनके प्रयास से प्रतिमा को मंदिर तक पहुंचाया गया.

जानकारी के अनुसार, मुसलमानों ने हिंदुओं के साथ मिलकर कड़ी मेहनत की और पहाड़ पर चढ़कर मूर्तियों को मंदिर तक ले गए. यह मामला भद्रवाह-डोडा हाईवे से तीन किलोमीटर दूर पहाड़ी की चोटी पर स्थित करसारी स्थित शिव मंदिर का है.

इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 500से 700किलोग्राम वजन की छह मूर्तियां राजस्थान से लाई गई थीं. ये ग्रेनाइट से बनी हैं. शिव मंदिर समिति के अनुसार, सड़क नहीं होने से मूर्तियों को मंदिर तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा था.

इस कठिनाई को समझते हुए कुरसारी पंचायत के सरपंच साजिद मीर ने न केवल मंदिर तक सड़क निर्माण के लिए पूंजी खर्च करने का ऐलान किया, बजट से 4.6लाख रुपये आवंटित भी कर दिया. इसके बाद प्रतिमाएं पहाड़ी तक पहुंचाने के लिए अपने समुदाय के 150ग्रामीणों की मदद भी ली.

मीडिया से बात करते हुए मीर ने कहा कि यह हमारी संस्कृति है और ये हमारे मूल्य हैं जो हमें विरासत में मिले हैं, इसलिए हम उन लोगों के नापाक इरादों के आगे नहीं झुके जो हमें धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश करते हैं. आज हमने फिर दिखा दिया है कि हम एक हैं.

चार दिनों में, स्थानीय हिंदुओं और मुसलमानों ने मूर्तियों को मंदिर तक ले जाने के लिए मशीनों और रस्सियों का इस्तेमाल किया, जहां उन्हें 9अगस्त को एक धार्मिक समारोह में स्थापित किया जाएगा.

मीर ने कहा, हम अपने काम को लेकर उत्साहित हैं. स्थानीय सेना इकाइयों, सड़क निर्माण कंपनियों और नागरिक प्रशासन ने भी आगे आकर अपना समर्थन दिया है. शिव मंदिर समिति ने काम पूरा करने में मुस्लिम पड़ोसियों के सहयोग और उत्साह की सराहना की है.

मंदिर समिति के अध्यक्ष रविंदर प्रदीप ने कहा, हमें ताकत देने वाले पड़ोसियों के प्यार और स्नेह को देखकर दिल खुश हो जाता है. हमने पिछले चार दिनों में मूर्तियों के परिवहन की व्यवस्था के लिए कड़ी मेहनत की, जो कभी ऐसा लगता था कि यह असंभव कार्य है. मगर मुसलमानों ने मिलकर इसे संभव बना दिया.