ख्वाजा के शहर अजमेर शरीफ में खुला जमीयत चिकित्सा शिविर

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 15-02-2021
ख्वाजा के शहर अजमेर शरीफ में खुला जमीयत चिकित्सा शिविर
ख्वाजा के शहर अजमेर शरीफ में खुला जमीयत चिकित्सा शिविर

 

सेराज अनवर/पटना

अजमेर में उर्स के अवसर पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने जमीअत द्वारा चिकित्सा कैंप का उद्घाटन किया.उन्होंने कहा कि  आज के समय में ख्वाजा साहब का जीवन हमारे लिए मार्गदर्शन है.ख्वाजा साहब ने  अपना कार्य स्थल दिल्ली के मुस्लिम सल्तनत को नहीं बल्कि  पृथ्वी राज चौहान के अजमेर को चुना और प्रेम के माध्यम से लाखों दिलों को जीता.

जमियतुल उलेमा पटना ज़िले के महासचिव ख़ालिद अनवर ने आवाज़ द वॉयस को बताया कि रविवार को  ख्वाजा के शहर अजमेर शरीफ में खुले जमीयत चिकित्सा शिविर सालाना उर्स के दौरान तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा. इसके खोलने का मक़सद मसलकी दूरियां ख़त्म हो और आपस में भाईचारा बढ़े.2016से इस सिलसिले की शुरुआत हुई है.

साल में दो बार चिकित्सा शिविर लगाया जाता है.एक एक बड़े उर्स के मौक़े पर और दूसरा छोटा उर्स जश्न ईद मिलाद उन नबी के अवसर पर .उद्घाटन समारोह में डॉ. आदिल, अब्दुल वाहिद,अंगारा चिश्ती एवं दरगाह से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति उपस्थित रहे.

अपने  संबोधन में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि भारत के सुल्तान ख्वाजा ख्वाजगान और चिश्तिया सिलसिले के इमाम हज़रत मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी ने पैगंबर साहब के रास्ते पर चलते हुए धर्म के भेदभाव से ऊपर उठ कर सभी लोगों की सेवा की.अपने उच्च नैतिकता और चरित्र से लाखों लोगों को लाभान्वित किया.

यही कारण है कि आज आठ सौ साल बीतने के बावजूद उनका नाम सूर्य से अधिक उज्जवल है. मौलाना मदनी ने कहा कि ख्वाजा साहब की भूमि पर जमीयत उलमा ए हिंद के कार्यकर्ताओं को सेवा करने का मौका मिला है, जहां लगातार पांच वर्षों से उर्स के अवसर पर  उर्स ज़ाएरीनों  को चिकित्सा सेवा प्रदान की जाती है.