मैं आया लेट, मुझे पता होता तो मस्जिद नहीं टूटने देता: अंशु

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 22-04-2022
मैं आया लेट, मुझे पता होता तो मस्जिद नहीं टूटने देता, अकेले निपट लेता: अंशु
मैं आया लेट, मुझे पता होता तो मस्जिद नहीं टूटने देता, अकेले निपट लेता: अंशु

 

मलिक असगर हाशमी /नई दिल्ली

राजधानी दिल्ली की जहांगीरपुरी में दंगे के बाद तोड़-फोड़ अभियान को लेकर भले ही कई तरह के सवाल हवा में तैर रहे हैं, पर इसके साथ ही अंशु   और शोएब   की अटूट दोस्ती का किस्ता भी हर की जुबान पर है. मस्जिद और शोएब के साथ जो कुछ हुआ उस से अंशु बेहद व्यथित है.

अंशु अपने जिगरी दोस्त शोएब की तरफ देखकर गुस्से से कहता है-‘‘ऐसा कर दिया है कि हम मुंह दिखाने लायक नहीं रहे.यह मुझे अपना दुश्मन समझेगा और मैं इसे दुश्मन  समझूंगा.’’

बात करते हुए अंशु की आंखों में एक दूसरे के लिए दर्द छलकता साफ दिखता है. वह आगे कहता, ‘‘ मुझे पता नहीं था. मैं आया लेट. मुझे पता होता तो मस्जिद नहीं टूटने देता. अकेले निपट लेता. मंदिर तोड़ने गए थे वे. मैं वहां  लाइव ( मौजूद ) था. मस्जिद के आगे भी खड़ा हो जाता,’’

उल्लेखनीय है कि जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम की टीम ने मस्जिद के कथित गैर मुनासिब हिस्से को ढहा दिया था. एक वर्ग का आरोप है बदले की कार्रवाई के तहत मस्जिद के अगले हिस्से को गिराया गया.

 

दरअसल, जहांगीरपुरी में रहने वाले अंशु और शोएब बचपन के दोस्त हैं. वैसे तो दोनों अलग-अलग मजहब से ताल्लुक रखते हैं, पर उनके बीच घनिष्ठता बहुत गहरी है.शोएब  की सड़क किनारे छोटी सी परचुन की दुकान है, जब कि  अंशु  की पास की मार्केट में. दोनों की उम्र लगभग 22-25 वर्ष है.

 

बातचीत में अंशु बताता है, ‘‘हम दोनों से कोई भी कहीं किसी काम से चला जाता है तो वे एक दूसरे की दुकान संभालते हैं. दुकान के ऊपर ही एक कमरा है. अंशु का कहना है कि उसके मम्मी-पापा जब गांव चले जाते हैं तो दोनों इसी कमरे में साथ रहते हैं. खाते-पीते हैं. दोनों के परिवार में आना-जाना है.

हनुमान जयंती के दिन दिल्ली की जहांगीरपुरी हुई हिंसक घटना और उसके बाद दिल्ली नगर निगम की तोड़-फोड़ की कार्रवाई ने दोनों दोस्तों को जैसे तोड़ कर रख दिया है. वे कहते हैं कि इससे माहौल खराब हुआ है. सभी यहां वर्षों से साथ रह रहे हैं. इसी माहौल में शोएब और अंशु  की दोस्ती भी पनपी. इन घटनाओं के बाद अब उन्हें लगता है कि स्थिति बदलेगी.

सोशल मीडिया पर अंशु और शोएब की दोस्ती की दास्तां की तारीफ हो रही. ट्विटर पर इससे संबंधित एक वीडियो फुटेज साझा करने पर लोगों ने बहुत अच्छे-अच्छे कमेंट किए हैं. विक्रम ने ट्वीट किया,‘‘ यही भारत की खूबसूरती है.’

अमन सिंह लिखते हैं, ‘‘ दोस्ती सलामत रहे.’’ एक ने शोएब के प्रति अंशु के जज्बात की सराहना करते हुए लिखा -‘‘दर्द है भाई की आंखों में.’’ श्याममीर सिंह लिखते हैं,‘‘अंशु हमारा हीरो है. अंशु जैसे बच्चों पर वर्ग है.’’ खबर लिखने तक इस वीडियो को करीब साढे तीन हजार लोग लाइक और पांच सौ से ज्यादा लोग री-ट्वीट कर चुके थे.

इस जज्बाती कहानी पर डाॅ अनिकृति मिश्रा ने एक शेर साझा किया है-

 

हिंदू अगर दिल है तो धड़कन मुसलमान होगा,

हम सब मिलकर रहे तो मजबूत हमरा हिंदुस्तान होगा !!