राकेश चौरासिया / नई दिल्ली
हैदराबाद की आधुनिक एवं इस्लामी शिक्षा देने वाली एमएस शिक्षा अकादमी ने ऐसे अनाथ बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का निर्णय किया है, जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है.
एमएस शिक्षा अकादमी के 13 जूनियर कॉलेज और चार डिग्री कॉलेज हैं. इनमें मात-पिता से बिछुड़े बच्चों को निशुल्क एडमिशन दिया जाएगा.
इन संस्थानों में 1400 बच्चे पहले से ही अध्ययनरत है, जिन्हें केवल एक-तिहाई ट्यूशन फीस देनी पड़ती है. किंतु अकादमी ने कोरोना अनाथों को निशुल्क शिक्षा देने का बड़ा फैसला किया है. इसकी चहुंओर प्रशंसा हो रही है.
सूचना मिलते ही कोरोना काल के अनाथों ने अकादमी से संपर्क शुरू कर दिया है और उनकी प्रवेश प्रकिया शुरू हो गई है.
यह अकादमी 1991 में स्थापित हुई थी और नीट व आईआईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए छात्रों की तैयारी करवाती है. अकादमी के सैकड़ों बच्चे अब तक प्रतियोगी परीक्षाएं क्रेक करके अपना करियर बना चुके हैं. इस क्षेत्र में अकादमी का बड़ा नाम है.
एमएस शिक्षा अकादमी का मिशन है “मानवता को सशक्त बनाने और जवाबदेह होने के लिए अल्लाह द्वारा हमें दी गई जिम्मेदारी को ईमानदारी से पूरा करेंगे.” अपने मिशन के अनुरूप अकादमी ने नई पहल की है.
एमएस शिक्षा अकादमी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ खान ने मीडिया से कहा कि कोरोना के कारण कई परिवार बिखर गए हैं. अब समाज की जिम्मेदारी है कि वह समाज का ताना-बना फिर से बुनने के लिए आगे आए. इसीलिए उनकी अकादमी ने यह निर्णय किया है. हम शिक्षा क्षेत्र में हैं, तो अनाथ बच्चों का सहयोग करना चाहते हैं.