गंगा-जमुनी संस्कृति की मजबूती के लिए युवा सूफीज्म के विस्तार को आगे आएंः नसीरूद्दीन चिश्ती

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  AVT | Date 09-02-2021
गंगा-जमुनी संस्कृति की मजबूती के लिए युवा सूफीज्म के विस्तार को आगे आएंः नसीरूद्दीन चिश्ती
गंगा-जमुनी संस्कृति की मजबूती के लिए युवा सूफीज्म के विस्तार को आगे आएंः नसीरूद्दीन चिश्ती

 

जोधपुर. हजरत ख्वाजा मखदमू अब्दुल लतीफ शाह साहब सुलेमानी चिश्ती रहमतुल्लाह अलै. के 118वें वार्षिक उर्स के मौके पर वहां मौजूद दर्शनार्थियों को आल इंडिया सूफी सज्जादानशीं काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने संबोधित किया.

श्री चिश्ती पिछले काफी दिनों से ‘पैगाम-ए-इंसानियत’ के तहत सूफीज्म के विकास एवं विस्तार के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने इस मौके पर कहा कि सूफीवाद से ही भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति को मजबूती मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि देश की अमन-शांति के लिए सूफीज्म को बढ़ावा देना बेहद आवश्यक है.

उर्स के मौके पर हजारों की संख्या में एकत्रित जायरीन को संबोधित करते हुए सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने युवाओं को सूफीज्म को बढ़ावा देने के लिए आगे आने को कहा. इस अवसर पर उन्होंने हजरत ख्वाजा अब्दुल लतीफ चिश्ती रहमतुल्लाह अलै. के नजमुल हसन लतीफी नजमी सुलेमानी चिश्ती को काउंसिकल का जोधपुर प्रभारी बनाने का भी ऐलान किया.

उन्होंने युवओं को विशेष तौर से इंगित कर कहा कि वे घर-घर जाएं और सूफीवाद के प्रति लोगों को जागरूक करें. ऐसा न हो कि घर जाने के बाद यहां दिए गए पैमाम को भूल जाएं. कार्यक्रम में सैयद ऐतमादद्दीन चिश्ती, पीर मोहम्मद नजमी फारूकी, सैयद हबीबुर्रहमान निजामी आदि भी मौजूद थे.