सेना ने कश्मीर की हरमुख चोटी की तलहटी में गंगाबल झील की सफाई शुरू की

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] • 2 Years ago
हरमुख चोटी की तलहटी में गंगाबल झील
हरमुख चोटी की तलहटी में गंगाबल झील

 

आवाज- द वॉयस/ एजेंसी/ श्रीनगर

सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में हरमुख चोटी की तलहटी में स्थित गंगाबल झील की सफाई शुरू की है. 34 असम राइफल्स के मुख्यालय 3 सेक्टर आरआर द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि स्थानीय आबादी और पर्यटकों को इसके बारे में शिक्षित करने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ 'जल शक्ति अभियान' (कैच द रेन) के तहत गुरुवार को एक सफाई अभियान शुरू किया गया है. लोगों को गंगाबल झील और उसके आसपास को स्वच्छ रखने का महत्व समझाया गया.

गंगाबल झील गांदरबल जिले में हरमुख चोटी की तलहटी पर स्थित है. यह एक अल्पाइन उच्च ऊंचाई वाली ओलिगोट्रोफिक झील है जो ब्राउन ट्राउट सहित मछली की कई प्रजातियों का घर है, जिसे अंग्रेजों द्वारा 1902 में पेश किया गया था.

यह झील कई वर्षो से एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण रहा है और बहुत से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक इसका दौरा कर चुके हैं. यह पर्यटक गाइडों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है. पर्यटकों की भारी आमद के कारण, यह क्षेत्र कचरे से भर गया है. ये कचरे क्षेत्र की पारिस्थितिकी के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं.

यह याद किया जाना चाहिए कि गंगाबल झील कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों के लिए सबसे पवित्र झील है, जो 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीर से समुदाय के पलायन से पहले दिवंगत स्वजनों की अस्थियों को इसी झील में विसर्जित करते थे.

नारानाग मंदिर स्थल भी झील के रास्ते में पड़ता है. माना जाता है कि प्रसिद्ध स्थानीय इतिहासकार और संस्कृत विद्वान कल्हण ने 12वीं शताब्दी में नारानाग मंदिर में अपनी ऐतिहासिक महान कृति 'राजतरंगिणी' लिखी थी.