आवाज द वाॅयस नई दिल्ली मुंबई
कोरोना के चलते उपजे हालात ने गरीब परिवारों के बच्चों की शिक्षा की राह में कई रोड़े खड़े कर दिए हैं. परिवार में एक स्मार्ट फोन या इसकी सुविधा नहीं होने के कारण वे ऑनलाइन क्लास नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे बच्चों के लिए फरिश्ता बना हुआ है जोया चैरिटेबल ट्रस्ट.
मुंबई में 2009 में स्थापित हुआ यह गैर सरकारी संगठन यूं तो निर्धनों के लिए मुफ्त भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराता है. मगर कोरोना महामारी में इसकी भूमिका थोड़ी बदल गई है. यह संगठन अभी विशेष तौर सेे गरीब बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने में सहायता कर रहा है.
संगठन की ओर से निर्धन परिवारों के बच्चों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि वे अपनी पढ़ाई बिना किसी रूकावट के जारी रख सकें. ट्रस्ट का कामकाज देखने वाले हुजेफा जेब जोएब रंगवाला
आवाज द वाॅयस से फोन पर बातचीत करते हुए कहते हैं,‘‘ किसी जिम्मेदार व्यक्ति की ओर से जब उनके पास स्मार्ट फोन की मांग आती है तो वो उन्हें उपलब्ध करा देते हैं, ताकि इसके सही हकदार तक समान पहुंच जाए.’’
डेंटिस्ट डॉक्टर शमा मोहम्मद का कहना है कि उनकी मांग पर जोया चैरेटल ट्रस्ट ने उन्हें 100 स्मार्ट फोन उपलब्ध कराए हैं. इसका वितरण केरल के कन्नूर में निर्धन बच्चों को ऑनलाइन क्लास करने को उपलब्ध कराया जाएगा.
डाॅ. शमा महमूद ने जब जोया चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से उन्हें 100 स्मार्ट मोबाइल फोन मिलने की बात सोशल मीडिया पर साझा की तो कई क्षेत्रों से उनके पास ऐसी ही मांग आने लगी. राजेश कुमार उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया में कहते हैं कि कुछ ही लोग इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान दे रहे हैं. ऐसे प्रयास के लिए आपका शुक्रिया.
दूसरी तरफ जोया ट्रस्ट का काम देखने वाले हुजेफा जेब जोएब रंगवाला कहते हैं कि वे अपने कामों का ढिंढोरा नहीं पीटते. यह अल्लाह का काम है जिसे वह कर रहे हैं. उन्होंने आवाज द वाॅयस से बात करते हुए कहा कि जहां से मोबाइल फोन की उचित मांग आएगी, उसे अवश्य पूरा किया जाएगा.