भारतीय के साथ आपने सबसे बड़ा अपराध किया, राहुल गांधी से जयशंकर बोले

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 03-02-2022
एस जयशंकर
एस जयशंकर

 

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर उनकी टिप्पणी पर निशाना साधा कि भाजपा सरकार की नीतियों ने ‘चीन और पाकिस्तान को एक साथ कर दिया है.’ यह कहते हुए कि ‘कुछ सबक इतिहास के क्रम में हैं’ और यह कि पाकिस्तान ने 1963 में शक्सगाम घाटी को अवैध रूप से चीन को सौंप दिया था, तब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी.

उन्होंने कहा कि चीन ने 1970 के दशक में पीओके के माध्यम से काराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया था और सीपीईसी की शुरुआत 2013 में हुई थी, जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी. जयशंकर ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान लोकसभा में उनकी टिप्पणी पर भी गांधी की खिंचाई की कि सरकार को गणतंत्र दिवस के लिए एक विदेशी अतिथि नहीं मिल सकता है.

गांधी को उनकी लगातार विदेश यात्राओं पर ताना मारते हुए, जयशंकर ने कहा, ‘जो लोग भारत में रहते हैं, वे जानते हैं कि हम एक कोरोना लहर के बीच थे’ और कहा कि भारत ने पांच मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रपतियों के साथ एक आभासी शिखर सम्मेलन आयोजित किया.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि यह वह सरकार है, जिसने पाकिस्तान और चीन को एक साथ कर दिया. शायद, कुछ सबक इतिहास के क्रम में हैंः 1963 में पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया. 1970 के दशक में चीन ने पीओके के माध्यम से काराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया.’

2013 में शुरू हुए चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का जिक्र करते हुए उन्होंने गांधी से खुद से यह पूछने को कहा कि क्या तब चीन और पाकिस्तान दूर थे.

उन्होंने कहा, ‘1970 के दशक से, दोनों देशों के बीच घनिष्ठ परमाणु सहयोग भी था. 2013 में, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शुरू हुआ. तो, अपने आप से पूछें, क्या चीन और पाकिस्तान तब दूर थे?’

जयशंकर ने पूछा कि क्या राहुल गांधी भी 27 जनवरी को आयोजित भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन से चूक गए.

उन्होंने पूछा, ‘लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि हमें गणतंत्र दिवस के लिए एक विदेशी अतिथि नहीं मिल सका. जो भारत में रहते हैं, वे जानते हैं कि हम एक कोरोना लहर के बीच थे. 5 मध्य एशियाई राष्ट्रपति, जो आने वाले थे, उन्होंने वर्चुअल 27 जनवरी को शिखर सम्मेलन में भाग लिया. क्या राहुल गांधी ने भी इसे याद किया?’

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि सरकार चीन और पाकिस्तान को साथ लेकर आई है.

उन्होंने कहा, ‘चीन के पास बहुत स्पष्ट दृष्टिकोण है कि वे क्या करना चाहते हैं. भारत की विदेश नीति का एकमात्र सबसे बड़ा रणनीतिक लक्ष्य पाकिस्तान और चीन को अलग रखना है. आपने जो किया है, आप उन्हें एक साथ लाए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘किसी भी भ्रम में न रहें, जो ताकत आपके सामने खड़ी है, उसे कम मत समझिए. आप पाकिस्तान और चीन को एक साथ लाए हैं. यह भारत के लोगों के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध है जो आप कर सकते हैं.’