यास तूफान के तेवर कड़े: ओडिशा में ट्रेनें रदद, बंगाल की अदालतों में नहीं होगी सुनवाई

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 25-05-2021
यास तूफान के तेवर कड़े
यास तूफान के तेवर कड़े

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली / भुवनेश्वर / कोलकाता

चक्रवाती तूफान यास ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. मंगलवार सुबह से ओडिशा के कई हिस्से में बारिश और तेज हवाओं का दौर शुरू हो गया है. हालाकि यास के 26-27 मई को दो प्रदेशों के तटीय इलाकों में भारी तबाही की आशंका व्यक्त की गई है.
 
चक्रवाती तूफान को देखते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने आंध्रप्रदेश,ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तूफान को देखते हुए ओडिशा में कई ट्रेनें रदद कर दी गई हैं. यही नहीं कोलकाता में नारदा मामले की सुनवाई भी टाल दी गई है.
 
भीषण चक्रवाती तूफान यास के देश के पूर्वी तट ओडिशा-पश्चिम बंगाल सीमा पर लैंडफॉल बनाने की भविष्यवाणी की गई है. इसके मद्देनजर, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से तटीय इलाके छोड़ने का आग्रह किया है. स्थानीय प्रशासन से ऐसे लोगों को सुरक्षित
 
स्थानों पर पहुंचाने में सहयोग देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने कोविड 19 के नियमों का पालन करने की भी हिदायत दी गई है.नवीन पटनायक ने कहा,‘‘ऐसे समय में जब हम कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं, चक्रवात यास एक और चुनौती है,जिसका हमें सामना करना है. पिछले साल मई में, हमने कोविड-19 के साथ एक अन्य चक्रवात का सामना किया था. इस बार हम सभी आपदा और महामारी से निपटने के लिए मिलकर काम करेंगे.
 
उन्होंने कहा कि ओडिशा के लिए चक्रवात कोई नई घटना नहीं है, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है. लापरवाही खतरनाक हो सकती है. पटनायक ने लोगों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता हर जीवन को बचाना है, इसलिए मैं आप से सुरक्षित स्थान पर जाने का अनुरोध करता हूं.
 
उधर, ओडिशा सरकार ने उच्च जोखिम वाले जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को गंभीर चक्रवात व भूस्खलन के मद्देनजर राहत, पुनर्वास और कार्यों की बहाली की निगरानी सौंप दी है.
 
सरकार के अतिरिक्त सचिव, इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि चुनिंदा आईएएस अधिकारियों को ‘यास’प्रभावित इलाके में राहत, पुनर्वास और बहाली कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. 800 से अधिक ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) के कर्मी चक्रवात यास के लिए तैनात किए गए हैं.
 
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, चक्रवात यास के 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की संभावना है. अलग बात है कि आज से ओडिशा में बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है.
 
 

बंगाल की अदालतों में दो दिन नहीं होगी सुनवाई

इधर, पश्चिम बंगाल में जहां एक तरफ चक्रवाती तूफान यास से निपटने की तैयार चल रही है, वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 26 और 27 मई को सूचीबद्ध सभी मामलों की सुनवाई रद्द कर दी है. मौसम विज्ञान विभाग ने चक्रवाती तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है.

 
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अधिसूचना जारी कर कहा, ‘‘26 और 27 मई 2021 को सूचीबद्ध सभी मामलों की सुनवाई यास तूफान के कारण नहीं होगी. इसके मददेनजर संबंधित बेंचों को अगले उपलब्ध दिन पर मामलों को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं. कहा गया है, ‘‘अदालत के अधिकारी और कर्मचारी जो इन दो दिनों में अदालत में उपस्थित होने में असमर्थ हैं, उन्हें अनुपस्थित नहीं माना जाएगा. उन्हें ड्यूटी पर माना जाएगा.‘‘
 
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात के कारण 26 और 27 मई को भारी वर्षा और क्षति की आशंका जताई गई है.
 
इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा कि ओडिशा में एनडीआरएफ की 20 और टीमों को तैनात किया जाएगा.‘‘चक्रवात यास व्यापक दबाव में विकसित हो गया है, यह ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ रहा है. इसके 26 मई को लैंडफॉल होने की संभावना है.
 
एएनआई इनपुट के साथ