वसीम रिजवी की हरकतों पर भड़के मुसलमान, कोर्ट और सरकार से कार्रवाई की अपील

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 13-03-2021
वसीम रिजवी की हरकतों पर भड़के मुसलमान, कोर्ट और सरकार से कार्रवाई की अपील
वसीम रिजवी की हरकतों पर भड़के मुसलमान, कोर्ट और सरकार से कार्रवाई की अपील

 

मलिक असगर हाशमी  / नई दिल्ली

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के कुरान की 26 आयतों को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला करार देने और उन्हें कुरान से निकालने के लिए सुप्रीम कोट में याचिका दायर करने पर मुसलमानों में जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई है. उलेमा ने रिजवी की बातों को न केवल देश में हंगामी सूरत पैदा करने वाला करार दिया है. 
 
उनके खिलाफ कार्रवाई करने और उनका सामाजिक बहिष्कार की भी अपील की है. उलमा ने सुप्रीम कोर्ट से वसीम रिजवी की याचिका खारिज करने के साथ उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है.
 
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने  कहा कि कुरान के एक लफ्ज में भी तब्दीली या तरमीम की गुंजाइश नहीं. उन्होंने कहा कि इस बात को दुनिया के सारे मुसलमान मानते हैं कि कुरान अल्लाह द्वारा उतारी गई किताब है. वह आज भी अपने मूल स्वरूप में मौजूद है और रहती दुनिया तक रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों से इस मामले में किसी तरह का विरोध प्रदर्शन न करने और संयम कायम रखने की अपील की है.
 
इस मामले में अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के चेयरमैन सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हर मुसलमान का यह दृढ़ विश्वास है कि पवित्र कुरान से किसी भी शब्द या लाइन को पृथ्वी पर कोई भी शक्ति बदल नहीं सकती, न ही संशोधित कर सकती है, न ही जोड़ सकती है और न हटा सकती है.
 
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि एआईएसएससी वसीम रिजवी की नापाक हरकत की कड़े शब्दों में निंदा करती है. उन्होंने कहा कि रिजवी ने याचिका दायर कर ईशनिंदा का काम किया है. मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है और देश में अशांति की स्थिति पैदा करने की कोशिश की है.
 
उन्होंने संबंधित अधिकारियों से उनके खिलाफ कार्रवाई करने और प्राथमिकी दर्ज करने की अपील भी की.
 
सूफी सज्जादानशीन ने कहा कि मुझे यकीन है कि रिजवी  सर्वोच्च सम्मानित माननीय उच्चतम न्यायालय के कोप का सामना करेंगे. उच्चतम न्यायालय प्राथमिक स्तर पर ही उनकी याचिका को खारिज कर देगा और उन पर भारी जुर्माना लगाएगा.
 
चिश्ती ने कहा, “मैं मुसलमानों के सभी संप्रदायों से अपील करता हूं कि उनका सामाजिक रूप से बहिष्कार करें. ”
 
इस मामले में दारुल उलूम, देवबंद ने भी बयान जारी कर अपनी नाराजगी जाहिर की है. दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि हम उस इस्लाम दुश्मन नापाक शख्स का नाम लेना भी पसंद नहीं करते जिसने कुरआन-ए-करीम से आयतें हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि कुरआन-ए-करीम अमन, इंसानियत का संदेश देता है. 
 
पूरी दुनिया का सच्चा व सही मार्गदर्शन करता है. कुरआन अल्लाह की मुकद्दस किताब है जिसमें आज तक कोई तब्दीली न (बदलाव) हुई है न कभी होगी. उन्होंने भारत सरकार से ऐसे शख्स के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करनी की मांग की है.
 
फतवा आन मोबाइल सर्विस के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि विवादों में बने रहना वसीम रिजवी की आदत बन चुकी है. उन्होंने हमेशा इस प्रकार के बयान दिए हैं जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं. मुल्क का माहौल खराब होता है. फारुकी ने अदालत से रिजवी की याचिका को खारिज करने के साथ ही भारत सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 
 
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि वसीम रिजवी विवादित कार्यों और बयानों के लिए प्रसिद्ध हैं. इस बार उन्होंने कुरआन-ए-करीम पर सवाल उठाकर यह साबित कर दिया कि वह मानसिक रुप से दिवालियापन का शिकार हैं.
 
रिजवी के मामले में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा 26 आयतें हटाना तो दूर की बात है. कुरान से एक शब्द या एक बिंदु भी नहीं निकाला जा सकता. वसीम रिजवी जैसे लोगों के द्वारा सिर्फ इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है. कुरान पाक आतंकवाद की दावत देता है, यह कहना  बिल्कुल गलत है. कुरान अमन का पैगाम देता है.
 
यासूब अब्बास ने कहा कि हमारे किसी भी इमाम ने किसी आयत को हटाने की बात नहीं की. कोई कुरान से एक बिंदु हटा कर तो देखे. उन्होंने कहा कि यह अल्लाह की किताब है, किसी के घर पर लिखी किताब नहीं.
 
वसीम रिजवी की याचिका पर दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सूफियान निजामी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वसीम जैसे लोग अपना दिमागी संतुलन खो चुके हैं. सुर्खियों में बने रहने के लिए वह समय≤ पर इस तरह के बयान देते रहते हैं. उनको बेवजह और बेमतलब के बयान देने की आदत है. 
 
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने इस विवादित याचिका को लेकर कहा कि वसीम रिजवी की विवादित याचिका का शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से भरपूर विरोध किया है.