मुस्लिम महिला ‘खुला’ से एकतरफा शादी खत्म नहीं कर सकतीः एआईएमपीएलबी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 05-11-2022
मुस्लिम महिला ‘खुला’ से एकतरफा शादी खत्म नहीं कर सकतीः एआईएमपीएलबी
मुस्लिम महिला ‘खुला’ से एकतरफा शादी खत्म नहीं कर सकतीः एआईएमपीएलबी

 

नई दिल्ली. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा कि एक मुस्लिम महिला को ‘खुला’ के जरिए अपनी शादी खत्म करने का अधिकार नहीं है. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पति के पास ‘खुला’ के लिए उसकी मांग को स्वीकार या अस्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित है.

एक बयान में, बोर्ड ने कहा, ’‘खुला पति और पत्नी दोनों पर निर्भर है कि एक महिला के प्रस्ताव को शुरू करने के बाद शादी खत्म करने के लिए सहमत हो.’’ बोर्ड की प्रतिक्रिया केरल उच्च न्यायालय द्वारा घोषित किए जाने के तुरंत बाद आई है कि एक मुस्लिम महिला को खुला के माध्यम से अपनी शादी समाप्त करने का अधिकार है.

न्यायमूर्ति ए मोहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति सी.एस. डायस ने कहा, ‘‘जब पति सहमति देने से इनकार करता है, तो पत्नी के कहने पर विवाह की समाप्ति को मान्यता देने के लिए देश में कोई तंत्र न होने के कारण, अदालत केवल यह मान सकती है कि पति के संयोजन के बिना ‘खुला’ हो सकता है. यह एक सामान्य समीक्षा दर्शाती है कि मुस्लिम महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों की इच्छा के अधीन हैं. जबकि यह समीक्षा अपीलकर्ता के उदाहरण पर अहानिकर नहीं लगती है, बल्कि ऐसा प्रतीत होता है कि इसे पादरियों और मुस्लिम समुदाय की वर्चस्ववादी मर्दानगी द्वारा समर्थित किया गया है, जो मुस्लिम महिलाओं के ‘खुला’ तलाक के अधिकार की घोषणा को पचा नहीं पा रहे हैं.’’