ताजमहल में जगद्गुरु परमहंस दास को क्यों नहीं मिला प्रवेष, जानिए

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-04-2022
ताजमहल में जगद्गुरु परमहंस दास को क्यों नहीं मिला प्रवेष, जानिए
ताजमहल में जगद्गुरु परमहंस दास को क्यों नहीं मिला प्रवेष, जानिए

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली- आगरा

प्रषासन ने अयोध्या के जगद्गुरु परमहंस दास मंगलवार को ताजमहल में प्रवेश करने से रोक दिया है. इस पर विवाद शुरू हो गया है. हिंदू महासभा ने परमहंस दास को प्रवेश नहीं दिए जाने पर आक्रोष जताया है. पुरातत्व विभाग ने स्पष्टीकरण दिया है कि उन्हें ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया गया है.
यह वाकया 26 अप्रैल का है, जब जगद्गुरु परमहंस दास आगरा पहुंचे और ताजमहल में प्रवेश करना चाहते थे.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने बताया कि 26 अप्रैल को ताजमहल में कुछ लोग भगवा वस्त्र पहनकर पश्चिम गेट पर आए थे. उनमें से एक ऋषि के हाथ में दण्ड था. ताजमहल परिसर में ऐसी वस्तुओं को ले जाना प्रतिबंधित है. द्वार पर साधु को दण्ड बाहर रखकर आने को कहा गया, जिसे सुनकर वह द्वार से निकल गए और वापस नहीं लौटे. 27 अप्रैल को ताज सिक्योरिटी को ट्वीट प्राप्त हुआ, तब पता चला कि यह साधु जगद्गुरु परम हंस आचार्य थे और यह ट्वीट महंत धर्मेंद्र गिरी ने किया है.
जबकि महंत और उनके शिष्यों ने आरोप लगाया कि भगवा पहने होने के कारण उन्हें प्रवेश करने से रोका गया. अब इस मामले में विवाद बढ़ता ही जा रहा है.
गुरुवार की सुबह हिंदू महासभा ने संत को ताजमहल में प्रवेश करने से रोकने पर रोष जताया.
इस मामले में अधीक्षण पुरातत्वविद् ने बयान जारी कर कहा कि भगवा कपड़े का कोई मामला नहीं है. गाइडलाइन के मुताबिक जगद्गुरु परमहंस दास को ब्रह्मदंड लेकर ताजमहल जाने की इजाजत नहीं थी.
परमहंस दास ने कहा कि ताजमहल एक शिव मंदिर है और वह उसे देखने आए थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. इस मामले में एएसआई के अधीक्षक पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल में प्रवेश के लिए नियम तय हैं. संत अपने अंदर लोहे की छड़ ले जाना चाहते थे, जिसके लिए उन्हें मना किया गया था. उनके प्रवेश पर कोई रोक नहीं थी. द्वार पर ब्रह्मदंड लगाने का अनुरोध किया गया, लेकिन वह नहीं माने.