क्या है गजवा-ए-हिंद का उत्तराखंड कनेक्शन?

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-10-2022
क्या है गजवा-ए-हिंद का उत्तराखंड कनेक्शन?
क्या है गजवा-ए-हिंद का उत्तराखंड कनेक्शन?

 

हरिद्वार. उत्तर प्रदेश एटीएस ने उत्तराखंड एसटीएफ की मदद से हरिद्वार से दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है. यूपीएटीएस ने इन दोनों से विस्तार से पूछताछ की है, जिन्हेांने हरिद्वार के कुछ इलाकों के युवाओं को गजवा-ए-हिंद की विचारधारा से जोड़ने की बात कबूल की है.

हरिद्वार, उत्तराखंड में कुछ क्षेत्रों का इस्तेमाल गजवा-ए-हिंद की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था. यूपीएटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए आठ संदिग्ध आतंकवादियों में से एक बांग्लादेशी था, जो लंबे समय से हरिद्वार में रह रहा था. एक स्थानीय युवक लंबे समय से उसका दोस्त था. आशंका है कि उन्होंने हरिद्वार के सैकड़ों युवाओं को अपनी विचारधारा से जोड़ा है.

संयुक्त टीम ने अली नूर निवासी सलीमपुर, जिला हरिद्वार, पैतृक गांव जहारन, जिला गोपालगंज, ढाका, बांग्लादेश और मुदस्सर निवासी नगला अमृती, रुड़की, हरिद्वार को गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ के दौरान उत्तराखंड कनेक्शन का भी खुलासा हुआ है. आशंका जताई जा रही है कि ये दोनों स्थानीय युवक काफी समय से एक खास जगह से भारत पर आक्रमण करने का विचार कर रहे थे. बताया जा रहा है कि इन्हें टेरर फंडिंग के जरिए खूब पैसा मिल रहा था. इससे वे अपना स्थानीय मॉड्यूल विकसित कर रहे थे.

मुदस्सिर ने युवकों को अपने साथ मिला लिया. बताया जा रहा है कि उसके एक रिश्तेदार ने दोनों को कोलकाता में एक समारोह में उन्हें मिलवाया. तभी से दोनों गजवा-ए-हिन्द की विचारधारा से जुड़े. उन्होंने:वालापुर और उसके आसपास के इलाकों में युवाओं को शामिल करना शुरू कर दिया. कभी वे सभाएँ करते थे और कभी कुछ साहित्य वितरित भी करते थे. हालांकि यूपीएटीएस ने इन दोनों से विस्तार से पूछताछ की है. इसलिए स्थानीय पुलिस और एजेंसी के पास ज्यादा जानकारी नहीं है.

यह देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील मामला है. उत्तराखंड एसटीएफ यूपीएटीएस और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में था और इस संबंध में भी पर्याप्त सहयोग दिया गया. मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी उत्तर प्रदेश एटीएस को दी सकती है.